राजस्थान में कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने अपनी ही सरकार के मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक कागजी ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा- क्या कोटा से सरकार बन जाएगी? जयपुर की जनता कोटा में चिलाएगी तब पता लगेगा।जयपुर के किशपोल विधानसभा से कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा- पिछले 10 महीने में धारीवाल से कऊ बार मिल चुका हूं। मुझे एक्सईएन दे दो। नहीं दूंगा। सारे कोटा ले जाओ। कोटा से ही सरकार बन जाएगी। कोटा से जीतकर आ जाएंगे सारे के सारे। नंबर एक मंत्री है। जीत जाएंगे। ऐसे होता है क्या?
विधायक ने कहा कि जयपुर में हमें चार सीटें मिली है। निगम में एक्सईएन-जेईएन नहीं है। सरकार पैसा देती है। सरकार ने पैसा देकर योजनाएं बनाई है। किसको बोले। कहा जांएगे पैसे। 50 करोड़ रुपये में मैं मुख्यमंत्री मिलकर साइन कराके लाया। मुख्यमंत्री दो साल पहले बजट में दे दिए। आज तक उसके टेंडर जारी नहीं हुए। मंत्री जी टेंडर नहीं करा पाएं। ये मंत्रालय चलेगा। 276 करोड़ फिर ले आए। विधायक कागजी ने कहा कि मंत्री धारीवाल गुटबाजी करते हैं। लोगों का घोर अपमान करते हैं। मंत्री से 10 बार जाकर सचिवालय और विधानसभा में मिल लिया। कब तक हम उधार के एक्सईएन और जेईएन से काम चलाएंगे। मंत्री धारीवाल मेरी पिताजी के साथ काम किए है। हम पर कृपा कर दें। ऐसे होता है कोई। मुख्यमंत्री ने सड़को के लिए 25 करोड़ रुपये दे दिए। प्रस्ताव तो अधिकारी बनाकर देंगे। सारे अधिकारियों के कहकर थक गया। सारे अधिकारी कोटा ले गए। कोटा को चमन कर रहे हैं। विधायक ने कहा कि ठीक है। कोटा में भी लोग रहते हैं। लेकिन कोटा में भी पता चल जाएगा। जब यहां के लोग चिलाएंगे ना। हमारा सत्यानाश कर दिया शांति धारीवाल ने।
विधायक ने कहा का राजधानी का मैसेज जाता है। शांति धारीवाल जयपुर के प्रभारी मंत्री है। एक मीटिंग नहीं ली है। साढ़े चार साल में निगम के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग नहीं ली है। सारे विधायकों का बुलाया है क्या, बता दें रिकाॅर्ड में है तो। निगम बना दिया। चार विधायक हमारे। मेयर हमारा। एक्सईएन-जेईएन नहीं देते है। ये क्या बात हुई। मैं मुख्यमंत्री जी आग्रह करूंगा। ठीक है। मंत्री नंबर 1 है। राजस्थान में काम कर रहे होंगे। हमें तो पता नहीं। राजस्थान में कहां काम किया। लेकिन जयपुर में नहीं किया। जयपुर में ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसकी पीड़ा है। सारे पार्षदों को बुलाना चाहिए। विधायकों को बुलाना चाहिए। मीटिंग होना चाहिए। प्रस्ताव बनने चाहिए।