राजस्थान के भरतपुर जिले में ’12 फीसदी आरक्षण’ की मांग को लेकर माली समाज के प्रदर्शन ने तूल पकड़ लिया है। धरना स्थल के करीब एक आंदोलनकारी का शव पेड़ लटके मिलने के बाद सनसनी फैल गई है। भरतपुर की सड़क से लेकर जयपुर के सत्ता गलियारों तक आंदोलन की ही चर्चा चल रही है। गौरतलब है कि मली समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत आता है और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समाज से हैं।
क्यों चल रहा आंदोलन?
माली समाज के लोग सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को लगातार पांचवे दिन, आंदोलन की वजह से जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित है। फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी द्वारा राजमार्ग को खाली करने के आह्वान के बावजूद प्रदर्शनकारियों नेसोमवार को सरकार के साथ समाधान पर पहुंचने तक, राजमार्ग खाली करने से इनकार कर दिया था। बाद में, समाज की ओर से सरकार के साथ बातचीत करने के लिए एक समिति बनाई गई और आज जयपुर में बातचीत होने की संभावना है।