पेमेंट को लेकर आए दिन शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। भुगतान की यह प्रक्रिया जितनी आसान है, उससे होने वाली धोखाधड़ी की संख्या उतनी ही अधिक है। पिछले एक साल में आरबीआई ने इससे जुड़ी करीब चार लाख शिकायतें दर्ज की हैं।
अगर आप भी पेमेंट के लिए डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल करते हैं तो आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। डिजिटल भुगतान से भुगतान करना जितना आसान है, उसमें उतनी ही अधिक त्रुटियाँ पाई जा रही हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक विभिन्न डिजिटल भुगतान विधियों के साथ शिकायतों की मात्रा में 9.39 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। लोकपाल योजनाओं या उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण सेल के तहत, 4,18,184 एक साल में शिकायतें मिली हैं।
आंकड़े डरावने हैं
डिजिटल भुगतान शिकायतों की बात करें तो 2021 में 149,419 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से केंद्रीयकृत रसीद और प्रसंस्करण केंद्र (CRPC) ने 31 मार्च, 2022 के अंत तक 143,552 का निस्तारण किया। RBIOS द्वारा शिकायतों की निपटान दर 2021 में बढ़कर 97.97 प्रतिशत हो गई -22 2020-21 में 96.59 प्रतिशत से।
सबसे ज्यादा ट्रांजैक्शन जुलाई में हुआ
जानकारी के लिए आपको बता दें कि जुलाई 2022 में सबसे ज्यादा यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल जुलाई में यूपीआई ट्रांजैक्शन 6 अरब यानी 600 करोड़ को पार कर गया था, जो कि है। एक रिकॉर्ड स्तर। हालांकि इसके इस्तेमाल में बढ़ोतरी के बाद फ्रॉड की संख्या भी बढ़ी है।
डिजिटल रुपया भी शुरू हो गया है
आरबीआई ने डिजिटल रुपये को पिछले साल ही डिजिटल भुगतान के रूप में पेश किया है। यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी CBDC-W (थोक) और CBDC-R (रिटेल) के रूप में लाई गई है। यह एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जिसका उपयोग UPI, NEFT, RTGS, IMPS, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से भुगतान के लिए किया जा सकता है।