जयपुर नारद। टोंक के पीपलू थाने में दर्ज मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। इसमें सीआईडी क्राइम ब्रांच के दो एएसपी स्तर के ऑफिसर्स के साथ 8 पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है।
एडीजी दिनेश एम. एन. ने बताया कि टोंक के पीपलू थाना क्षेत्र में हुए शंकर मीणा हत्याकांड की जांच मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सीआईडी सीबी को सौंपी गई है। प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के लिए आईजी क्राइम प्रफुल्ल कुमार के सुपर विजन में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई है। एडिशनल एसपी आशाराम चौधरी व नेम सिंह जांच के लिए टोंक पहुंच चुके हैं।
एडीजी एमएन ने बताया कि हिनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट रेंज सैल अजमेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेम सिंह को अनुसंधान अधिकारी नियुक्त किया गया है। आठ सदस्यीय गठित एसआईटी में सीआईडी क्राइम ब्रांच से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशाराम चौधरी के अतिरिक्त राजेश मलिक तकनीकी सहयोग के लिए शामिल किए गए हैं।
इनके अलावा टीम में पुलिस निरीक्षक हनुमान सिंह, रविंद्र यादव व राम सिंह नाथावत, एएसआई रामकरण और कॉन्स्टेबल रतीराम को शामिल किया गया है। एसआईटी घटना के समस्त पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय को सौंपेगी।
रालोपा सुप्रीमो बेनीवाल ने भी साधा था सरकार पर निशाना

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो व सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस प्रकरण को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। बेनीवाल ने कहा कि टोंक जिले के पीपलू क्षेत्र में बजरी ठेकेदार के एक दर्जन से अधिक गुंडों ने शंकर जी मीणा की निर्मम हत्या कर दी और अभी तक पुलिस खाली हाथ है ! पुलिस की गाड़ी हत्यारों की गाड़ी को एस्कॉर्ट कर रही थी और ट्रेक्टर चालक शंकर को पुलिस ने ही पकड़कर ठेकेदार के आदमियों के हवाले किया और उन्होंने शंकर की पीट पीट कर हत्या कर दी ! राजस्थान सरकार बजरी के खेल में अभी तक चुप है और इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद मुख्यमंत्री की का वक्तव्य नही आया ! बजरी के खेल में ED की एंट्री से कई लोगो की मिलीभगत सामने आएगी!