राजस्थान में गहलोत सरकार ने तबादलों पर बैन लगा दिया है। 15 जनवरी से प्रदेश में तबादले नहीं होंगे। राज्य सरकार ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए है। प्रदेश में कई महीनों से तबादलों का दौर चल रहा था। प्रशासनिक सुधार विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए है। आदेश में कहा गया है कि 15 जनवरी के बाद सीएम अशोक गहलोत की अनुमति से ही तबादले होंगे। जारी आदेश में सभी विभागों के एसीएस, सचिव और विभागों के अध्यक्षों से कहा कि गया है कि बैन लगने के बावजूद कोई प्रकरण राज्य सरकार के ध्यान में आया तो जिम्मेदारी विभागों के प्रमुखों की होगी। प्रतिबंध के आदेश राज्य सरकार के सभी निगमों, मंडलों और स्वायत्तशासी संस्थाओं पर भी लागू होंगे।
राज्य सरकार ने करीब 1 साल बाद तबादलों पर लगी रोक को हटाई थी। इसस पहले सरकार ने 14 जुलाई 2021 को तबादलों से रोक हटाई थी। गौरतलब है कि तबादलों और चुनावों का गहरा नाता रहा है। वहीं विधायक अपने क्षेत्र के लोगों की मांग के अनुरूप समय-समय पर सरकार पर दबाव बनाते रहते हैं। इससे पहले सरकार ने 14 जुलाई से 14 अगस्त तक तबादलों से प्रतिबंध को हटाया था। हालांकि उस दौरान कोरोना के हालातों को देखते हुए आवेदन सिर्फ ऑनलाइन करने की छूट दी गई थी। राज्य सरकार ने एक साल फिर से तबादलों को रोक लगा दी है।
बता दें, राज्य सरकार ने 30 मई 2022 में तबादलों के बैन हटाया था। इस दौरान सेकेंड ग्रेड शिक्षकों समेत सभी विभागों में धड़ल्ले से तबादले हुए थे। हालांक थर्ड ग्रेड शिक्षकों की तबादलों के आवेदन तो सरकार ने ले लिए थे, लेकिन हुए नहीं। 85 हजार आवेदन आए थे। हाल ही में थर्ड ग्रेड शिक्षकों की तबादलों को लेकर राजधानी जयपुर में शिक्षकों ने प्रदर्शन भी किया था। राज्य सरकार द्वारा तबादलों पर बैन लगाने का मामला तूल पकड़ सकता है। क्योंकि विधायक लंबे समय से तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के तबादलों की मांग कर रहे हैं। ्अब सरकार ने सभी तबादलों पर ही रोक लगा दी है।