रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में बड़ी जानकारी दी है. रेलवे सीनियर सिटीजन को दी जाने वाली रियायत (Railway Consation to Senior Citizen) को बहाल करने जा रहा है. इसके साथ ही पात्रता मानदंड में भी बदलाव को लेकर बात चल रही है।
रेल मंत्री ने जारी किया बयान बता दें कि कोरोना से पहले सरकार ने ट्रेन में सीनियर सिटीजन को दी जाने वाली छूट को बंद कर दिया था, लेकिन इसकी बहाली को लेकर रेल मंत्री की ओर से बयान जारी किया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा है कि फिलहाल इस छूट को बहाल करने की कोई योजना नहीं है.
आयु सीमा में भी बदलाव की तैयारी की जा रही है, साथ ही खबर आ रही है कि रेलवे बोर्ड वरिष्ठ नागरिकों की आयु सीमा में बदलाव करने की योजना बना रहा है, जिसके बाद यात्रियों को श्रेणी के हिसाब से छूट मिलेगी. वहीं, पहले रेल विभाग सभी वर्ग के लोगों को रियायतें देता था।
रेल मंत्री ने आगे जानकारी देते हुए कहा है कि यात्री सेवाओं के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है, जो कई राज्यों के सालाना बजट से भी बड़ी है. वहीं, रेलवे का सालाना पेंशन बिल करीब 60,000 करोड़ रुपये है। इसके अलावा सैलरी बिल 97,000 करोड़ रुपए है जबकि 40,000 करोड़ रुपए फ्यूल पर खर्च किए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी से पहले 58 साल और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं और 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के पुरुषों को रेलवे द्वारा रियायतें दी जाती थीं. सभी श्रेणियों के टिकटों पर महिलाओं को 50 प्रतिशत और पुरुषों को 40 प्रतिशत की छूट मिलती थी।