जोधपुर। अमेरिका में रहने वाले जोधपुर के एनआरआई और जयपुर फुट के सलाहकार के खाते से पांच महीने पहले 5.20 करोड़ रुपए के गबन और धोखाधड़ी के मामले में अब तक रिकवरी नहीं हुई है। हालांकि पुलिस ने इसमें 71 खाते फ्रीज कराए हैं। आरोपियों की तलाश में पुलिस कई राज्यों में घूम रही है, क्योंकि जिन खातों में रुपए गए हैं वे अलग-अलग राज्यों के हैं। फ्रीज खातों में 36 लाख रुपए हैं, जो कोर्ट के माध्यम से वापस हो सकेंगे।
राजस्थान फाउंडेशन चैप्टर नॉर्थ अमेरिका के अध्यक्ष व जयपुर फुट के सलाहकार केके मेहता ने जोधपुर साइबर थाने में ईमेल के जरिए शिकायत की थी। इसमें बताया कि उनका अकाउंटेंट जोधपुर निवासी गुलाब बंजारा उनके खाते से लेन-देन के लिए अधिकृत था और उसके मोबाइल पर ही ट्रांजेक्शन के ओटीपी आते थे, हर तीन माह से उस बैंक का स्टेटमेंट वे मंगवाते थे। जुलाई में जब उन्होंने स्टेटमेंट मांगा तो वो देने में देरी करने लगा। जब मेहता ने नाराजगी जताई तो उसने 10 अगस्त को स्टेटमेंट भेजा, जिसमें 5.20 करोड़ कम थे। ऐसे में पुलिस ने अकाउंटेंट गुलाब को गिरफ्तार भी किया था। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है। इस दौरान राना के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने पहले ही मामला देरी से दर्ज किया। फिर जांच भी देरी से शुरू की। इस कारण मामला उलझ गया। पुलिस अब भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।
जिस आरोपी ने गबन किया उसी के साथ हुई ठगी
आरोपी गुलाब ने मेहता को बताया कि उसके पास टेलीग्राम पर एक लिंक आया था, जिसमें बताया था कि तीन लाख रुपए इन्वेस्ट करने पर कुछ ही दिनों 50 हजार रुपए का मुनाफा होगा। इस लालच में उसने लिंक से एप डाउनलोड कर रुपए देने शुरू कर दिए, लेकिन उसे वापस कुछ नहीं मिला, जबकि उसने सोचा था कि मेहता के रुपए निवेश कर कमाएगा और वापस आने पर खाते में जमा करवा देगा। उसने निवेश के लालच में मेहता के रुपए साइबर ठगी में गंवा दिए।
71 खातों में गए थे रुपए
एसीपी छवि शर्मा ने बताया कि मामले में जांच चल रही है। अकाउंटेंट बंजारा के खातों को खंगालने पर पता चला कि उसने यश बैंक, कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, फिनकॉर्प फाइनेंस और कैनरा बैंक के 71 खातों में रुपए भेजे थे। यश बैंक की जानकारी में ही 2500 पेज आए हैं। साथ ही बताया गया कि रुपए एक खाते से दो-तीन खातों में गए हैं। इस तरह के करीब 300 और खातों की जानकारी मिली है।