जिला प्रशासन द्वारा बूंदी जिले में कार्यक्रमों में डिस्क जॉकी (डीजे) के जरिए तेज़ आवाज़ में संगीत बजाने पर पूरी तरह से रोक लगाने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। फरवरी महीने में स्थानीय लोगों ने तेज़ आवाज़ में संगीत बजाने पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए शांति समितियां गठित करने का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने डीजे पर प्रतिबंध लगाने फैसला किया है। हाल फिलहाल में सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों में तेज़ आवाज़ में संगीत बजाना आम बात हो गई थी।
दिल के मरीजों को मिली राहत
दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों का कहना है कि प्रतिबंध ने उन्हें और अधिक परेशानी से बचाया है और उच्च-डेसिबल संगीत से उनकी पूरी सहेत प्रभावित होती है। बूंदी शहर के तिलक चौक क्षेत्र की एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षिका भगवती (76) ने कहा कि जब भी आसपास तेज संगीत बजता था तो उनका दिल बैठने लगता था और वह सदमे की स्थिति में चली जाती थीं। दरअसल, तेज आवाज के कारण लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिस कारण उनकी धड़कन बढ़ जाती है। ऐसे में दिल के मरीजों को डीजे पर प्रतिबंध लगने से काफी राहत मिली है।
डीजे पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला जिला
हिंदू नव वर्ष और रामनवमी जैसे अवसरों पर जिले से पारंपरिक बैंड के साथ एक दर्जन से अधिक जुलूस निकाले गए। पुलिस अधीक्षक (एसपी) जय यादव ने दावा किया कि बूंदी राजस्थान का पहला जिला बन गया है जिसने सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया है।