राजस्थान के झालावाड़ जिले के ख्यातनाम कवि व शिक्षक के ब्लाइंड मर्डर का पुलिस ने खुलासा कर वारदात में शामिल तीन नाबालिगों को निरुद्ध किया है। इनसे लूटी गई शिक्षक की बाइक और घटना में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किया गया है। स्कूल में सबके सामने डांटने और टीसी काट देने से नाराज होकर नाबालिक ने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर यह वारदात की थी। नाबालिक में अपने सोशल मीडिया के मुख्य पेज पर शूटर 0009 का स्लोगन लगा रखा है।
एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि गिरधरपुरा के सरकारी स्कूल में व्याख्याता शिव चरण सेन की 4 मार्च को स्कूल से घर के लौटते समय रास्ते पर बगदर खान के पास अज्ञात द्वारा धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर बाइक लूट ली गई थी। घटना के संबंध में मृतक व्याख्याता के बेटे कार्तिकेय सेन ने जिला अस्पताल में पुलिस को रिपोर्ट दी थी। घटना के खुलासे के लिए एएसपी चिरंजीलाल मीणा व सीओ बृजमोहन मीणा के सुपरविजन तथा एसएचओ महावीर सिंह के नेतृत्व में विशेष टीमों का गठन किया गया। 100 पुलिसकर्मियों ने 10 किलोमीटर रेंज में खंगाले सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज, हजारों मोबाइल नंबर का एनालिसिस किया।मनोवैज्ञानिक तरीके से की गई पूछताछ में तीनों नाबालिगों ने हत्या की घटना करना कबूल किया है। इनकी निशानदेही पर लूटी गई बाइक और वारदात में प्रयुक्त चाकू, गुप्ती और हाथ का लोहे का पंच बरामद किया गया है।
पूछताछ में आरोपी नाबालिग ने पुलिस को बताया कि उसका विद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ प्रेम प्रसंग था। इस बात की जानकारी उनके टीचर शिवचरण सेन को हुई तो उन्होंने विद्यालय की प्रार्थना सभा में खड़ा कर समस्त विद्यार्थियों के सामने डांटा-फटकारा और इस प्रकार की हरकतें नहीं करने की नसीहत देकर बेइज्जत किया। कुछ समय बाद उसकी टीसी काट दी। नाबालिग छात्र ने बताया कि तब से ही उसने बदला लेने की ठान ली थी। वह काफी समय से वारदात की फिराक में था। लेकिन शिक्षक हमेशा कार में अन्य अध्यापकों के साथ आते जाते थे। घटना के रोज अकेले बाइक से आता देख उसने अपने दोस्तों के साथ मिल रास्ते में रुकवाया और सीने में चाकू घोंप कर बाइक लेकर भाग गए।नाबालिग ने आगे बताया कि उसे शिक्षक द्वारा की गई बेइज्जती का बदला लेकर सबक सिखाना था तथा अपराध की दुनिया में स्वयं का वर्चस्व स्थापित करने की वजह से उसने वारदात को अंजाम दिया था। एसपी तोमर ने बताया कि इस कार्रवाई में थाना कोतवाली के हेड कांस्टेबल विश्वनाथ सिंह और थाना झालरापाटन के कॉन्स्टेबल जयप्रकाश की विशेष भूमिका रही है।