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जल्द अमीर बनने के चक्कर में बना गया साइबर क्रिमिनल, वीआईपी मोबाइल नंबर बेचने का झांसा दे फ्रॉड करने वाला बदमाश गिरफ्तार

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चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई, फाइनेंस और डाटा एंट्री जैसे काम करते हुए बन बैठा कंप्यूटर एक्सपर्ट

VIP Mobile Number Fraud : Ashish Raj Mehta arrested by Police in Jodhpur

    नारद जोधपुर। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म और ऑनलाइन डायरेक्ट्री से कारोबारियों के नंबर लेकर उन्हें वीआईपी मोबाइल नंबर देने का झांसा देकर साइबर फ्रॉड करने वाले एक शातिर को पुलिस ने एक जागरूक युवक के सहयोग से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। हैरान करने वाली बात तो ये भी सामने आई कि यह शातिर जोधपुर के अलावा जयपुर, नागौर सहित अन्य शहरों के लोगों को इसी तरह से ठग चुका है और उसके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हो रखे हैं। पुलिस कमिश्नरेट के जिला पूर्व अन्तर्गत माता का थान पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है।

    डीसीपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि एक मामला 12 जुलाई को एक परिवादी ने माता का थान पुलिस को रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि 10 जुलाई को एक नंबर से कॉल आया। जिसमें सामने वाले शख्स ने कहा कि उसने अभी एयरटेल की मिनी स्टोर लगाई है और उसके पास में वीआईपी मोबाइल नम्बर की लिस्ट है। लोगों को बिल्कुल कम रेट पर वीआईपी मोबाइल नंबर VIP MOBILE NUMBER देता हूं। आप भी मेरे से मोबाइल नम्बर बुक कर सकते है व वीआईपी नम्बरों की लिस्ट भेजी। जिसमें से दो वीआईपी नंबर जो कि 7777777777 एवं 86666666666 दिए। इसके एवज में उसने प्रति नम्बर 11564 रुपये के हिसाब से मांग की और कहा कि आपको बुकिंग का पैसा प्रति नम्बर 5000 रुपये देना पड़ेगा, नहीं तो यह नम्बर किसी और को बिक जाएंगे। आरोपी ने कहा कि आपके नाम का असल एयरटेल कम्पनी का 11564 बिल भेजूंगा, जिसमें आपके नाम की बुकिंग होगी। असल एयरटेल कम्पनी के बिल की बात कहने पर परिवादी ने उसकी बातों पर भरोसा करके उसके फोन पे PhonePe के बार कोड Bar Code पर एडवान्स राशि ट्रांसफर करने पर उसने एयरटेल कम्पनी का बिल भेजा।

    असली एयरटेल स्टोर पर पहुंचे तो उड़े होश

    उस शख्स को एडवांस राशि देने के बाद परिवादी ने एयरटेल Airtel के मिनी स्टोर पर आशीषराज मेहता के बारे में पूछा। तब परिवादी को पता चला कि इस नाम का तो कोई भी शख्स एयरटेल स्टोर पर काम ही नहीं करता है और न ही वहां का कोई भी स्टाफ किसी आशीष नाम के शख्स को जानता था। परिवादी ने उनको बुकिंग वाली बिल बताया तो उन्होंने बताया कि आप अकेले नहीं हो इस तरह के बिल लेकर सुबह से कई लोग हमारे पास आ रहे है। यह बिल हमारी कम्पनी के नहीं है। यह बिल जो 11564 रुपए का है फर्जी है। इस तरह आशिष राज मेहता ने कई लोगो के साथ धोखाधडी कारित की है। इस पर माता का थान पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।

    एसीपी पीयूष कविया ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते अपराधों को देखते हुए पुलिस की टीम द्वारा आशीषराज मेहता नाम के शख्स को दस्तयाब किया गया। इस पूछताछ के बाद आरोपी महावीर नगर गुरों का तालाब प्रतापनगर निवासी आशीषराज मेहता पुत्र मरूधर राज मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया।

    सीए की पढ़ाई और ज्यादा कमाने के चक्कर में बना फ्रॉड :

    पुलिस ने बताया कि आरोपी सीए की पढ़ाई कर चुका है तथा पूर्व में फाइनेन्स का काम करता था तथा बाद में डाटा एन्ट्री का काम करता था जिससे कम्प्यूटर में दक्ष था। ज्यादा पैसे कमाने एवं फाईनेन्स में कर्जा होने पर साइबर फ्रॉड करने लग गया।

    जस्ट डायल ऐप से हासिल किए नामी व्यापारियों के नाम :

    आरोपी आशीषराज मेहता उर्फ प्रणव जैन इंटरनेट पर जस्ट डायल पोर्टल से विभिन्न शहरों के नामी बिजनेसमैन, जिनमें प्रोपर्टी डीलर्स, हॉस्पिटल संचालक, डॉक्टर्स, फार्मा, मिठाई दुकानों के मोबाइल नम्बर जुटा लेता था। इसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसाने के लिए अलग-अलग तरीके आजमाता था।

    ऐसे करता था ठगी :

    माता का थान थानाधिकारी प्रेमदान ने बताया कि जस्ट डायल से प्राप्त नम्बर पर वाटसअप पर एयरटेल के वीआईपी नम्बरो की सूची भेजकर नम्बर खरीदने का कहता एवं ग्राहकों को स्वयं एयरटेल का प्रतिनिधि बन कर बात करता था। नम्बर की जल्दी बुकिंग के लिये प्रेरित करता व कहता की यदि नम्बर बुक नहीं किये तो नम्बर सेल आउट हो जायेंगे इसलिये पहले बुकिंग अमाउंट से बुक करवा दें जिस पर कई ग्राहक वीआईपी नम्बर लेने के लिये हा करने पर वह उनके वाटसअप पर बार कोड यूपीआई आडी भेजकर बुकिंग अमाउन्ट प्राप्त कर लेता व उन्हे एक एयरटेल की फर्जी रसीद फोन पर भेज देता व एक दो दिन से सिम उपलब्ध करवाने का कहता तथा ग्राहकों से उसके परिचय पत्र प्राप्त कर लेता। इसी प्रकार वह हर रोज 100-150 लोगों को मैसेज भेजता जिसमें कई लोग वीआईपी नम्बर लेने के लिये हा कर देते, बाद में लोगो द्वारा बार बार सिम मांगने पर उनके नम्बर ब्लॉक कर देता। वह लोगों से एडवान्स के नाम कर छोटी रकम प्राप्त करता ताकि लोग कम रुपये होने पर पुलिस में शिकायत नहीं दर्ज कराएं।

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