जोधपुर। सेना के फील्ड हॉस्पीटल शिकारगढ़ में तैनात एक फौजी ने अपने दूसरे साथी के कहने पर दिल्ली की एक कथित निवेश कंपनी में लाखों रुपए लगा दिए। शुरूआत एक लाख रुपए से हुई जो बाद में मूल रकम पाने के चक्कर में बढ़ती गई। जब पीड़ित फौजी ने अपना पैसा वापस मांगा तो बदले में उसे एक रुपया भेजा गया। इसके बाद न तो कथित निवेशकों ने उसका फोन अटेंड किया और न उसके साथी ने उससे कभी बात की। अब परेशान होकर पीड़ित ने इस्तगासे के जरिए एयरपोर्ट थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।
परिवादी रबीउल शेख ने पुलिस को बताया कि वह फील्ड हॉस्पीटल शिकारगढ़ में सिपाही के पद पर तैनात है। उसके पड़ोसी जिले के रहने वाले सेना से भगोड़े इन्द्रजीत घोस पहले से आर्मी में सेवारत होने से जान पहचान है। इन्द्रजीत घोस ने 2020 में प्रार्थी को बताया कि दिल्ली में कम्पनी “आजुस स्काई केयर’ नाम की रूपयों के इन्वेस्टमेंट की कम्पनी है, जिसका निलेश परांडा मालिक है तो जितेन्द्र सहानी, समरथसिंह एवंं इन्द्रजीत घोस पार्टनर है। कंपनी 30 से 40 प्रतिशत मुनाफा दिलाती है। इंद्रजीत ने विश्वास दिलाने के लिए पहले तो खुद के जम्मू-कश्मीर वाले खाते में पैसे जमा करवाने के लिए कहा। उसके बार-बार कहने पर पीड़ित ने 1.16 लाख रुपए का निवेश कर दिया।
इसके बदले में उसे एक लाख रुपए का चेक दे दिया। कुछ दिन बाद चेक वापस लेकर कहा कि उसके पैसे रोकड़ मिल जाएंगे। कुछ समय बाद रोकड़ मांगे तो कहा कि कम्पनी के मालिक निलेश से चेक दिलवा दूंगा। फिर वह खुद के बीमार होने का बहाना बनाता रहा। गत अप्रेल में प्रार्थी ने पैसे वापस मांगे तो इंद्रजीत ने जितेंद्र साहनी से बात करने के लिए कहा। साहनी से उसकी बात हुई तो साहनी ने स्वयं को कम्पनी का अधिकारी बताकर कहा कि मार्च 2023 में कम्पनी को कुछ लोगों का हिसाब करने से कम्पनी का काम व्यस्त रहा एवं अब अप्रेल 2023 में कम से कम 5 लाख रूपये जमा करवाने पर ही पुरानी जमा राशि मिलेगी। इंद्रजीत ने भी साहनी की बात का समर्थन करते हुए ऐसा ही करने के लिए कहा। तब प्रार्थी इनकी बातों में आकर अपने पिता वजूल रहमान, चाचा पीनेका बिस्वा से उधार लेकर और पत्नी के खाते से निकालकर कुल 7 लाख रूपये आरोपी निलेश पराड़ा के खाते में जमा करवा दिए। आरोपियों ने उसकी जमा राशि कुल 7.26 लाख रुपए लौटाने के लिए 21 मई की तारीख दी गई। हुआ यह कि उस तारीख को प्रार्थी के खाते में सिमरथ सिंह ने एक रुपया जमा करवाया और उसका स्क्रीन शॉट भेजकर मोबाइल बंद कर दिया। पीड़ित का कहना है कि वह पिछले डेढ़ महीने से आरोपियों से संपर्क नहीं हो रहा है। कम्पनी का पता किया तो ऐसी कोई कम्पनी नेट पर नहीं है न ही आरोपियों ने उसके पैसे कहीं पर इन्वेस्ट किए हैं।

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