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जमीन खुर्द बुर्द करने के मामले में पटवारी और खातेदारों के खिलाफ केस दर्ज! जानें क्या गड़बड़ की…

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संयुक्त खातेदारी की कृषि भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दूसरे भाइयों के नाम से किया था दर्ज

नारद पीपाड़सिटी। खेजड़ला रोड क्षेत्र की एक संयुक्त खातेदारी कृषि भूमि के विवाद में कोर्ट के आदेश पर संबंधित क्षेत्रीय पटवारी और खातेदारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पीपाड़ पुलिस ने बताया कि एसीजेएम न्यायालय के निर्देश पर एक संयुक्त खातेदारी की कृषि भूमि को दूसरे भाइयों के नाम से राजस्व रेकार्ड में दर्ज करने के मामले में हल्का पटवारी सहित 9 पारिवारिक संयुक्त खातेदारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया हैं। इसमें परिवादी गणपतसिंह जाट निवासी खेजड़ला रोड़ पीपाड़सिटी ने एसीजेएम को पेश प्रार्थना पत्र में बताया कि संयुक्त खातेदारी की 45 बीघा कृषि भूमि हैं। जो परिवादी के पिता खीयाराम व उनके भाइयों कानाराम, हिन्दुराम, ज्ञानचंद, नाथूराम पुत्र मोतीराम जाट के नाम से संयुक्त खातेदारी की राजस्व रेकार्ड में दर्ज हैं। जिसमें से खीयाराम व हिन्दुराम के निधन के बाद उनके पुत्र, पुत्रियों के नाम से राजस्व रेकार्ड में हैं और वे कब्जा काश्त कर रहे हैं।

ऑनलाइन जमाबंदी की कॉपी ली, तो उड़े होश

रिपोर्ट के अनुसार जब परिवादी ने केसीसी के लिए ऑनलाइन जमाबंदी ली, जिसमें उसके परिजनों के नाम रेकार्ड से गायब थे। आरोपियों ने संयुक्त खातेदारी की भूमि हड़पकर धोखाधड़ी की नियत से तहसीलदार पीपाड़सिटी के समक्ष तत्कालीन हल्का पटवारी रेणुका से मिलीभगत कर राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर बंटवारा प्रार्थना पत्र में उनके हिस्से को छुपाकर समस्त खसरा की भूमि का एकमात्र संयुक्त खातेदार बता दिया और बंटवारा म्युटेशन भी कर दिया। यही नहीं, इस भूमि को अपने नाम दर्ज कराकर आरोपी कानाराम ने पत्नी चंदूदेवी, ज्ञानचंद ने पत्नी परमादेवी, नाथूराम ने पत्नी मोहनी देवी के पक्ष में दानपत्र निष्पादित करवाकर राजस्व रेकार्ड में नाम दर्ज करवा लिया और यूको बैंक से जमीन पर ऋण प्राप्त किया। पुलिस ने इस प्रकरण में आरोपी पटवारी रेणुका चौधरी, कानाराम, अशोक, दिनेश, राकेश,ज्ञानचंद, परमादेवी, नाथूराम, मोहनीदेवी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया हैं।

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