– स्कूल-कोचिंग समूह पर आयकर छापेमारी में 4 करोड़ से ज्यादा की नकदी मिली
– बुधवार को आयकर विभाग की टीमों ने शुरू की थी प्रिंस कोचिंग व प्रिंस स्कूल मालिकों से जुड़े कुल 5 ठिकानों पर कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी
नारद सीकर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे के ठीक 6 दिन बाद सीकर में आयकर विभाग (Income Tax) की छापेमारी शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीमें भी तब हैरान रह गईं, जब उन्हें घर के हर कोने-कोने में नोटों के बंडल मिलने लगे। दोपहर से लेकर रात तक आयकर टीमें स्कूल-कॉलेज संचालक के घर पर छानबीन करती रही। इस दौरान परिवार के बच्चों की किताबें रखने की अलमारी हो या रसोई के डिब्बे और परिवार के बैड रूम में अलमारियां, बिस्तर के नीचे हर कहीं नोटों के बंडल मिलते रहे। गुरुवार शाम तक तकरीबन 4 करोड़ रुपए की नकदी सामने आ चुकी थी। हालांकि, विभाग की टीमें चारों ठिकानों पर लगातार छानबीन में जुटी हुई है।
उल्लेखनीय है कि सीकर में प्रिंस समूह के नाम से स्कूल, कॉलेज व कोचिंग सेंटर संचालित करने वाले समूह पर 2 अगस्त को आयकर विभाग की टीमों ने छापेमारी शुरू की थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार लंबे समय से इस समूह पर विभाग की टीमों की नजर थी, क्योंकि संचालक आय की तुलना में उस पर पर्याप्त टैक्स जमा नहीं करवा रहे थे। इसी संदेह के आधार पर आयकर विभाग की टीमें गोपनीय रूप से संचालकों के बारे में तथ्य जुटाते रहे। विभिन्न स्तर पर टैक्स चोरी के साक्ष्य सामने आने के बाद बुधवार को कार्रवाई शुरू होने तक विभागीय टीमों को भी इतनी राशि मिलने की उम्मीद नहीं थी।
50 से लेकर 500 तक के नोटों के बंडल, आधा दर्जन मशीनों से काउंटिंग
आयकर सूत्रों के अनुसार प्रिंस समूह पर छापेमारी करने से पहले तक विभाग की टीमों को इतना विश्वास था कि यहां कार्रवाई में बड़ी टैक्स चोरी उजागर होगी, लेकिन उन्हें संभवतया ये अंदाजा नहीं था कि यह इतनी बड़ी नकदी ऐसे-ऐसे ठिकानों पर छुपाई मिलेगी। बताया जाता है कि कमरों में गद्दे, तकिए, स्कूल बैग, रसोई में चाय-शक्कर व दालें रखने वाले डिब्बों में नोटों के बंडल छुपाए हुए मिले। ये नोट 50 रुपए से लेकर 500 रुपए तक के बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो स्कूल-कोचिंग संचालक स्टूडेंट्स से वसूली जाने वाली नकदी का एक बड़ा हिस्सा इसी तरह अपने घर में ही छुपाकर रखते रहे और अपने आय में इन्हें नहीं दर्शाया। हालांकि, समूह से चारों ठिकानों से बड़ी मात्रा में ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं, जिनसे करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी उजागर होने की उम्मीद जताई जा रही है।