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टिड्‌डी की आशंका में रामजी के घोड़ों से मची खलबली

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जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान(Western Rajasthan) में इस बार मेहर हुए मानसून के कारण खेतों में फसलें लहलहा रही है। साथ ही हर तरफ हरियाली पसरी है। ऐसे में किसानों को टिड्‌डी की आशंका सता रही है। फलोदी व रामदेवरा क्षेत्र के कुछ खेतों में बड़ी संख्या में आए रामजी के घोड़ों(Grass Hoppers) के समूह के फसलों पर हमले से अफरा-तफरी मच गई। किसानों ने इसे टिड्‌डी समझ लिया। किसानों की सूचना पर टिड्‌डी(Locust) नियंत्रण विभाग की टीमों ने हाथों हाथ मौके पर जाकर जायजा लिया। विभाग का कहना है कि ये टिड्‌डी नहीं होकर ग्रास होपर है जो फसलों को खाता है, लेकिन इसका दायरा बेहद सीमित है और इससे फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन की तरफ से इस बार टिड्‌डी हमले की चेतावनी जारी नहीं की गई।
टिड्‌डी चेतावनी संगठन के सहायक निदेशक डॉ. विरेन्द्र कुमार ने बताया कि फलोदी पंचायत समिति क्षेत्र के सिहड़ा क्षेत्र के दो किसानों ने फलोदी केन्द्र पर लिखित में जानकारी दी कि उनके खेतों पर टिड्‌डी दल ने हमला कर दिया है। इसके बाद जोधपुर से गई एक टीम ने मौके पर जाकर करीब दो वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सर्वे किया। बाजरे की फसल पर टिड्‌डी के समान नजर आने वाला कीट नजर आया। ये बड़ी संख्या में वहां फसल को नुकसान पहुंचा रहे थे। बाद में इनके कुछ सैंपल बीकानेर जांच के लिए भेजे गए। वहां से मिली रिपोर्ट में इसे टिड्‌डी नहीं बल्कि ग्रास होपर बताया गया। इसके बाद संगठन की तरफ से इनका नियंत्रण करने के लिए राज्य के कृषि विभाग को सूचित किया गया है।
स्थानीय भाषा में इसे रामजी का घोड़ा कहा जाता है। बारिश के बाद इनकी संख्या बढ़ जाती है। इस बार अच्छी बारिश होने के कारण इनकी संख्या तेजी से बढ़ी।ऐसे में ये समूह के रूप में खेतों में हमला बोल देते है। कुछ बरस पूर्व जालोर क्षेत्र में भी इसी तरह रामजी के घोड़ों के हमलों को टिड्‌डी हमला बताया गया था, लेकिन जांच में टिड्‌डी नहीं मिली।
संयुक्त राष्ट्र संगठन की रिपोर्ट
टिड्‌डी पर नजर व नियंत्रण करने के लिए गठित संयुक्त राष्ट्र के एक संगठन की तीन जुलाई को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत में टिड्‌डी बहुत कम संख्या में है। ज्यादा बारिश होने की स्थिति में अगस्त से अक्टूबर के बीच इनकी संख्या थोड़ी बढ़ सकती है, लेकिन यह सामान्य के दायरे में ही रहेगी। इनसे किसी प्रकार का खतरा नहीं है।

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