नारद जोधपुर। नवीन गठित बाल कल्याण समिति, जोधपुर द्वारा राजकीय गृहों में रह रहे लम्बे समय से बच्चों के पारिवारिक पुनर्वास करवाने की पहल करते हुए 4 वर्षो से राजकीय शिशु गृह व 5 वर्षो से राजकी किशोर गृह, जोधपुर में प्रवेशित बालक की पत्रावली का गहनता से अध्ययन करते हुए शुरूआती तथ्य जुटाये । समिति अध्यक्ष विक्रम चेतन सरगरा ने बताया कि वर्ष 2014 में घंटाघर जोधपुर से समाज सेवक द्वारा देखभाल व संरक्षण के लिए राजकीय शिशु गृह में प्रवेश करवाया गया। आज दिनांक तक बालक राजकीय गृह में रह कर अध्ययन कर रहा था। समिति द्वारा प्रवेश करवाने वाले समाज सेवक से पहुंच बनाकर जानकारी ली। जानकारी मे समाज सेवक ने बताया कि बालक के पिता केन्द्रीय कारागृह, जोधपुर में निरूद्ध है। प्राप्त जानकारी अनुसार समिति ने अविलम्ब कार्यवाही करते हुए बालक के पिता से मुलाकात करवाने केन्द्रीय कारागृह, जोधपुर ले जाया गया। पिता ने अपने पुत्र की पहचान की व बालक ने अपने पिता की पहचान की। पिता ने बताया कि 9 वर्षो बाद अपने पुत्र को देखकर पिता की आखों से आंखू छलक उठे। पिता ने परिवार के अन्य सदस्यों के नाम व पता बतायें।
प्राप्त जानकारी पर त्वरित कार्यवायी करते हुए समिति सदस्य जय भाटी ने जोधपुर स्थित बड़ी भील बस्ती चांदपोल मे निवासी बालक के ननिहाल पक्ष का पता लगवाने के लिए समाज सेवक को जानकारी उपलब्ध करवायी। समाज सेवक ने अपने प्रयासों से पता लगाकर ननिहाल पक्ष को समिति के समक्ष उपस्थित करवाया। बालक के ननिहाल पक्ष ने बालक की सम्पूर्ण जिम्मेदारी अध्ययन व देखभाल की लेने के लिए समिति के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। बालक ने भी अपने ननिहाल पक्ष के साथ घर जाने की इच्छा प्रकट की। समिति ने बालक के ननिहाल पक्ष से वार्ता की बालक के अध्ययन को निरंतर रखने व समय-समय पर फॉलोअप पर आने के लिए पांबद किया गया। बालक के सर्वोतक हित को मद्देनजर रखते हुए बालक का पारिवारिक पुनर्वास करते हुए बालक को नाना- बाबु राम को सुपुर्द करने के आदेश दिये गये।
पारिवारिक पुनर्वास के दौरान समिति के महिला सदस्य बबीता शर्मा व सदस्य गंगाराम देवासी, अनिल मरवण व रोहित टांक एंव राजकीय किशोर गृह, जोधपुर अधीक्षक मनमीत कौर सोलंकी, परिवीक्षा अधिकारी युसूफ खान, अति. प्रशासनिक अधिकारी आनन्द प्रकाश, केयरटेकर गजेन्द्र सिंह राठौड व अन्य स्टॉफ उपस्थित रहे।
#The children living in the children’s home for 9 years were introduced to their loved ones, then tears of happiness were shed.