मगर…समय पालन का तमगा लेने वाले अधिकारी 1 दिन भी साबरमती ट्रेन को टाइम पर नहीं चला सके
प्रवीण धींगरा
जोधपुर। ट्रेनों को समय पर चलाने के मामले में देशभर में अव्वल रहने का तमगा पहनने वाले उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन के लिए एक ट्रेन का समय पर चलाना शायद गले की फांस बना हुआ है। ट्रेन साबरमती से चलकर जोधपुर के रास्ते जैसलमेर जाती है। इस ट्रेन में सफर करने वाले कुछ यात्रियों ने लगातार एक माह तक नजर रखी। रोज की लेटलतीफी से रेलवे को आगाह करते रहे, मगर रेलवे ने इन तीस दिन में एक दिन भी ट्रेन का टाइम पर चलाकर अपनी कार्यकुशलता का परिचय नहीं दिया। खासकर, ट्रेन के लूणी पहुंचने के बाद और फलोदी पहुंचने तक तो पूरा सिस्टम फेल दिखाई दे रहा है। वजह है सामने से आने वाली रानीखेत एक्सप्रेस। इसके क्रॉसिंग के चक्कर में साबरमती का लेट होना तो तय ही कर दिया गया है। रेलवे का सिस्टम खुद बीते सात दिन का फलोदी पर औसत देरी एक घंटे से ज्यादा की बता रहा है।

दरअसल, ट्रेन संख्या 14804 साबरमती से जैसलमेर के बीच चलती है। इस ट्रेन के लूणी से फलोदी तक के सफर में रोज देरी की पीड़ा झेलने वाले यात्रियों ने नजर रखनी शुरू की। वे हर दिन ट्रेन के लूणी पहुंचने से लेकर भगत की कोठी, जोधपुर व राइकाबाग में बेवजह देरी बढ़ाने और अंतत: हर दिन फलोदी एक से डेढ़ घंटे के विलंब से पहुंचने को लेकर रेलवे को सोशल मीडिया पर जानकारी देते रहे। तीस दिन से यह सिलसिला चल रहा है।
मंडोर में तय है क्रॉसिंग, रानीखेत टाइम पर आए तो साबरमती भी चले
दरअसल, रेलवे ने अपने वर्किंग टाइम टेबल में रानीखेत व साबरमती एक्सप्रेस का मंडोर स्टेशन पर क्रॉसिंग तय किया हुआ है। कायदे से साबरमती को सुबह 7.13 बजे मंडोर पहुंचना होता है तो इसके कुछ मिनट में रानीखेत सामने से आती है। हो यह रहा है कि रानीखेत एक्सप्रेस मंडोर से ठीक पहले ओसियां से ही करीब एक घंटे की देरी से आती है। ऐसे में साबरमती को लूणी से मंडोर तक पहंुचाने से पहले रेलवे इसे भगत की कोठी, जोधपुर व राइकाबाग में रोक रोक कर आगे बढ़ाती है।
टाइम लाइन देखिए…कैसे अटक अटक कर चलती है साबरमती
यात्री लगातार इस ट्रेन को वॉच कर रहे है। ट्रेन संख्या 14804 साबरमती-जैसलमेर एक्सप्रेस मंगलवार रात को 8 मिनट की देरी से रवाना हुई। ट्रेन बुधवार सुबह 9 मिनट की देरी से लूणी पहुंची। यहां इसे 7 मिनट ज्यादा रोके रखा गया। इसके बाद भगत की कोठी पहुंचकर रवाना होने तक देरी 32 मिनट तक पहुंच गई। जोधपुर से यह 38 मिनट देर से चली तो राइकाबाग से रवाना होने पर 35 मिनट की देरी से चल रही थी। अब मंडोर में क्रॉसिंग के बाद अगले स्टेशन मारवाड़ मथानिया पहुंचने तक देरी 56 मिनट की हो चुकी थी। यात्रियों के लिहाज से उनके गंतव्य स्टेशन फलोदी पहुंचने में 1.18 घंटे की देरी हुई, हर दिन की तरह।
साबरमती : 21 स्टेशन, 7 दिन में केवल 1 स्टेशन पर टाइम पर पहुंची
रानीखेत : 39 स्टेशन, केवल 2 स्टेशन से टाइम पर रवाना हो सकी

यह कहानी है सात दिन की। वह भी रेलवे के सिस्टम में दर्ज डाटा के आधार पर बताई जा रही है। रेलवे के एनटीईएस सिस्टम में हर ट्रेन के बीते सात दिन में औसत देरी की जानकारी दी जाती है। इस सिस्टम से साबरमती एक्सप्रेस के बारे में पूछने पर जानकारी सामने आई कि साबरमती से जैसलमेर तक कुल 39 स्टेशन पर ठहराव करने वाली यह ट्रेन बीते सात दिन में केवल एक स्टेशन भीलड़ी जंक्शन पर टाइम पर पहुंची, लेकिन रवाना होने में यहां भी देरी हुई। इसी तरह, रानीखेत एक्सप्रेस जैसलमेर से काठगोदाम तक 39 स्टेशनों पर ठहराव करती है। यह ट्रेन बीते सात दिन में केवल रामपुर स्टेशन पर ऑन टाइम पहुंची और ऑन टाइम रवाना हुई। इसके अलावा मुरादाबाद केवल समय पहुंची लेकिन रवाना होने में यहां भी देरी हुई।