नारद शेरगढ़। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की खंडपीठ के द्वारा बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित के निराकरण के लिए आकांक्षी ब्लॉक शेरगढ़ पंचायत समिति परिसर में बुधवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता में एक दिवसीय शिविर आयोजित हुआ।
बच्चे राष्ट्र का भविष्य है–अध्यक्ष
अध्यक्ष कानूनगो ने कहा कि बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है, जिसका निर्वहन संपूर्ण तंत्र को मिलकर करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बच्चे राष्ट्र का भविष्य है,उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक कर विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें।
बाल हितों की सुरक्षा के लिए दिए आवश्यक निर्देश
कानूनगो ने सभी अधिकारियों को अपने संबंधित विभागों में संचालित केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं में अधिकाधिक बच्चों को पात्रतानुसार लाभान्वित करवाने के निर्देश दिए। शिविर के दौरान सामाजिक न्याय एवंअधिकारिता, चिकित्सा, शिक्षा,महिला एवं बाल विकास, श्रम कल्याण सहित अन्य विभागों के परिवादों के प्रभावी समाधान करने के लिये संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
राजीविका की समूह सदस्यों से किया संवाद
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने सभी विभागों की हेल्प डेस्क का निरीक्षण किया। उन्होंने राजीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को देखा और सराहा। साथ ही समूह की महिलाओं से संवाद किया।
शिविर में 503 प्रकरण दर्ज
शिविर में बाल अधिकारों के हनन से संबंधित 503 परिवाद प्राप्त हुए, जिनमें मुख्यतः बच्चों के दिव्यांग प्रमाण पत्र, विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आधारभूत अवसंरचना, दिव्यांग पेंशन, आवश्यक दस्तावेज़ निर्माण से संबंधित परिवाद प्राप्त हुए। प्राप्त सभी प्रकरणों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा। शेरगढ़ मुख्यालय पर स्थित राउमावि में विज्ञान वर्ग की एकमात्र पूरे ब्लॉक में फैकल्टी होने के बावजूद भी विज्ञान वर्ग पढ़ाने वाला एक भी अध्यापक विद्यालय में नहीं है। सारे पद रिक्त पड़े हैं जिसके कारण बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है वहीं वाणिज्य वर्ग में भी सभी शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं जिसके कारण बच्चों को पलायन होना पड़ रहा है या स्कूल छोड़नी पड़ रही है।
विभिन्न प्रकरणों में बच्चों को मिला समाधान
बालश्रम निवारण,बाल विवाह रोकथाम,बाल हिंसा एवं दुर्व्यवहार संबंधी प्रकरण, बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम,स्ट्रीट चिल्ड्रन, अनाथ बच्चों का पुनर्वास, पालनहार योजना, दिव्यांग छात्रवृति योजना, विशेष योग्यजन प्रमाण पत्र, दिव्यांग पेंशन योजना, ड्रापआउट बच्चों को विद्यालय प्रवेश, उत्कर्ष योजना, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा योजना, मूलनिवास एवं जाति प्रमाण-पत्र, कोविड- 19 से जुड़े परिवार, आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड एवं अन्य बाल अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई एवं त्वरित कार्रवाई की गई। बाल अधिकारिता विभाग ने बाल विवाह रोकथाम के लिए पोस्टर विमोचन कर जागरुकता का संदेश दिया।
शिविर में ये रहे उपस्थित
शिविर के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर ग्रामीण ओमप्रकाश,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नवाब खां, उपखंड अधिकारी पुष्पा कंवर सिसोदिया, तहसीलदार फतेह सिंह चारण, विकास अधिकारी गुलाब सिंह गुर्जर, सहायक निदेशक (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) मनमीत कौर,सहायक निदेशक(बाल अधिकारिता) डॉ बीएल सारस्वत,बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विक्रम सरगरा सदस्यगण बबिता शर्मा, अनिल मरवान, गंगाराम देवासी,जय भाटी,किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य माधो सिंह सांखला एवं सोनिया दाधीच, सीबीईओ वीरेंद्र सिंह शेखावत, बीसीएमएचओ डा धीरज बिस्सा सहित संबंधित विभागों के जिलाधिकारी एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।