– 15 दिन बाद सजा हो रही है पूरी, पत्नी वीजा पर जोधपुर पहुंची थी, अब वीजा भी हो गया खत्म
जोधपुर। सात साल पहले जैसलमेर में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस की पत्नी अपने परिवार के साथ अब भारत में ही रहना चाहती है। जासूस की सजा 15 दिन बाद पूरी होने जा रही है। पत्नी छह माह का वीजा लेकर बच्चों के साथ पाकिस्तान से जोधपुर आई थी। अब उसका वीजा भी खत्म हो चुका है। ऐसे में जासूस की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गुहार की है कि उसके परिवार को डिपोर्ट न किया जाए बल्कि भारत की नागरिकता दे दी जाए। हालांकि सजा पूरी करने वाले जासूस की इस सजा के खिलाफ याचिका अभी लंबित है।
दरअसल, पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो निवासी नंदलाल उर्फ नंदू महाराज पुत्र नरसिंह वैध पासपोर्ट और वीजा पर जोधपुर आया था। आईएसआई के इशारे पर जैसलमेर पहुंच भारतीय सेना की गोपनीय सूचना इकट्ठी कर पाकिस्तान भिजवा रहा था। सीआईडी इंटेलिजेंस की टीम ने जैसलमेर की एक होटल से उसे 15 अगस्त 2016 को डिटेन किया और पूछताछ के बाद 20 अगस्त 2016 को शासकीय गुप्त बात अधिनियम और विदेशी अधिनियम की धाराओं के तहत पाक जासूस नंदलाल उर्फ नंदू महाराज गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान नंद लाल की जासूसी में मदद करने के आरोप में दो अन्य पाक नागरिक भाइयों गौरीशंकर व प्रेम चंद पुत्र खेमचंद को गिरफ्तार किया गया। दोनों भाई गौरीशंकर व प्रेम चंद पुत्र खेमचंद भी पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। पाकिस्तान से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आने के बाद दोनों जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के हरिनगर और शंकर नगर में अलग-अलग मकान में रह रहे थे। तीनों ही मिलकर भारत की गोपनीय सूचनाओं को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजते थे। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर महानगर प्रथम के न्यायालय में सीआईडी इंटेलिजेंस पेश की गई चार्जशीट के आधार पर सुनवाई के बाद तीनों को शासकीय गुप्त बात अधिनियम की धाराओं में दोष सिद्ध पाए जाने पर 7 साल की सजा सुनाई गई थी।
18 सितंबर को पूरी हो रही सजा
नंदलाल की सजा 18 सितंबर को पूरी होगी। पाक नागरिक के सजा पूरी कर जेल से बाहर आते ही फिर से गिरफ्तार किया जाता है और डिटेशन सेंटर में भेजकर डिपोर्ट की कार्रवाई की जाती है। एक तरफ नंदलाल की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है तो दूसरी तरफ नंदलाल की इस सजा के खिलाफ अपील दायर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संख्या 5, जयपुर के समक्ष लंबित है। इस पर 20 सितंबर को सुनवाई हो सकती है। एक तरफ हाईकोर्ट में पत्नी की याचिका और दूसरी तरफ उसकी खुद की याचिका के विचाराधीन होने के कारण अभी डिपोर्ट जैसी कार्रवाई संभव नहीं होगी।
पत्नी ने जोधपुर की स्कूल में करवाया बच्चों का एडमिशन
नंदलाल की पत्नी लता के राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका पर अदालत ने राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगते हुए निर्देश दिया है कि उसके पति नंदलाल को अदालत की अनुमति के बिना निर्वासित नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान के संगद जिले की रहने वाली महिला लता ने अदालत से यह भी गुहार की है कि उसे और उसके पति और उनके बच्चों को पाकिस्तान नहीं भेजा जाए। लता ने कोर्ट को बताया कि वह पाकिस्तान की नागरिक है और उसकी शादी 15 साल पहले पाकिस्तान के खिप्रो, जिला संगद (सिंध) निवासी नर सिंह के बेटे नंद लाल से हुई है। उसके पास 3 दिसंबर, 2019 को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान द्वारा जारी वैध पासपोर्ट है, जो दिसंबर 2024 तक वैध है। वह और उसके बच्चे इस साल की शुरुआत में अपने पासपोर्ट से प्राप्त वीजा पर भारत आए थे, लेकिन ये वीजा 27 जुलाई, 2023 को समाप्त हो गया। लता ने बताया है कि उन्होंने अपने वीजा की समाप्ति से पहले दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) के लिए आवेदन किया था, और आवेदन वर्तमान में गृह विभाग के पास लंबित है।
लता ने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने बच्चों को शिक्षा के लिए जोधपुर के एसेंट एकेडमी स्कूल में दाखिला दिलाया है। याचिका में उसने अनुरोध किया कि जब तक उसके पति की अपील पर फैसला नहीं हो जाता, प्रतिवादियों को नंद लाल को पाकिस्तान नहीं भेजने का निर्देश दिया जाए। उसने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए भारत में रहना जारी रखने की अनुमति भी मांगी।
#The wife of a Pakistani spy serving a seven-year sentence told the High Court – Now let us live in India.