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पंस भोपालगढ़ के ग्राम मिण्डोली के प्रगतिशील किसान अर्जुनराम जाट ने 2000 वर्ग मीटर में बनवाया पॉली हाऊस

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– उद्यान विभाग के अधिकारियों से मिला मार्गदर्शन, अनुदान से संबल पाकर बढ़ाया कदम

नारद भोपालगढ़। खेती में जुनून हो तो किसान कम पानी और कम भूमि में भी सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। राज्य में घटते कृषि स्रोत और तेजी से नीचे जा रहे भूजल से चिंतित किसान खेती में नवाचार की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं जिनकी आज अत्यन्त आवश्यकता भी है।उद्यान विभाग में ऐसी कई योजनाएं संचालित है किसान को लाभ लेना चाहिये।प्रगतिशील किसान अर्जुनराम जाट ग्राम मिण्डोली पंचायत समिति भोपालगढ़ ने बताया कि दो हजार वर्ग मीटर में एक पाॅली हाउस का निर्माण करवाया है।मैने आसपास क्षेत्र में बने शेडनेट व पोलोहाऊस को देखा और आय प्राप्ति की जानकारी ली।ऐसे में मार्ग दर्शन हेतु उद्यान विभाग के उद्यानिकी अधिकारीयों से सम्पर्क करने पर उन्होने विभिन्न सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी दी।इसके साथ ही इनका लाभ लेने के लिये हर प्रकार मदद का भरोसा देकर होंसला अफजाई की गई। इससे प्रोत्साहित होकर मैने अपने खेत और आस पास के क्षेत्र में पानी की अत्यधिक कमी के मध्येनजर शुरुआत में पॉलीहाऊस बनाने का मानस बनाया। इसमें खेत की मिट्टी, पानी की जाँच इत्यादि के लिए आवेदन किया। मार्गदर्शन से लेकर हर प्रकार से विभाग ने मेरी मदद की।

उद्यान विभाग से मिला अनुदान, अन्य किसानों को भी मिलेगी प्रेरणा

इन्होंने बताया कि उद्यान विभाग की अनुदान की सहायता से निर्मित यह पाँलीहाऊस कम भूमि क्षेत्र में बना।आस-पास दायरे में किसानों के लिये प्रेरणा का स्त्रोत साबित होगा। मैंने इसी प्रथम सप्ताह में पहली फसल खीरा ककड़ी की बुवाई की है। किसान अर्जुनराम ने बताया की 2000 वर्ग मीटर पॉली हाउस पर लागत 22 लाख रूपए आयी और 12 लाख 55 हजार रुपये का अनुदान राज्य सरकार द्धारा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में ड्रिप इरिशगेन, फार्म पाॅण्ड तथा पाॅली हाउस/शेड नेट हाउस वर्तमान प्रतिकूल परिस्थितियों में किसानों की अनिवार्य आवश्यकता हो गई है। इन्हें अपनाने का फायदा होगा। इसे देख कर आस पास के ग्रामों के कई किसानों ने सरकारी योजनाओं के प्रति उत्सुकता दिखायी है। इस क्षेत्र में सर्दी,गर्मी दोनों की बहुतायत तथा बरसात और पानी की कमी को देखते हुए तथा फलों और ककड़ी, मिर्च, टमाटर, ब्रोकली जुगनी इत्यादि सब्जियों की प्रतिकूल मौसम में भी अच्छी पैदावार के लिये पोलीहाउस अत्यन्त उपयोगी हैं। इस प्रयोजनार्थ किसान ने कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों के मार्ग दर्शन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आस पास के इच्छुक किसानों की हर सम्भव मदद करने के प्रति उत्सुकता दिखाने से इसका और किसानों को भी लाभ होगा। खेती में किसान शेडनेड, पाॅली हाऊस, बूंद बूंद सिचांई, बागवानी, सब्जी, खजूर, खेत तलाई ,सामुदायिक जल संरक्षण ढाचां इत्यादि योजनाओं से लाभान्वित होकर अधिकाधिक राजकीय सहायता का लाभ उठाकर अपनी आय में अपेक्षित वृद्धि कर सकते है।मेरा मानना है सवा बीघा भूमि यानी 2000वर्ग मीटर में केवल तीन माह में सम्भवतः पांच लाख की खीरा ककड़ी का कुल लाभ की उम्मीद है।एक वर्ष में तीन फसलें ली जा सकती है। अन्य खेती में ऐसा लाभ नही मिलता है। पोलोहाऊस निरीक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक उद्यान जोधपुर जयनारायण स्वामी, उपनिदेशक उद्यान जोधपुर डा.जीवनराम भाकर, कृषि अधिकारी उद्यान जोधपुर घनश्यामसिंह, सहायक कृषि अधिकारी रफीक अहमद कुरैशी, कृषि पर्यवेक्षक उद्यान अकबर बोरुन्दियां एवं पॉली हाऊस कम्पनी के निर्माणकर्ता कैलाश चौधरी उपस्थित थे।

अवलोकन कर किसान ले सकते हैं तकनीक का फायदा: कुरैशी

भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र के किसान पॉली हाउस का अवलोकन कर नवीनतम उन्नत कृषि- उद्यानिकी तकनीकी जानकारी लेंगे, तो उन्हें निश्चित तौर पर कृषि क्षेत्र से लाभ अर्जित करने में मददगार साबित होगी। इसके लिए कृषि एवं उद्यान विभाग में विभिन्न योजनाऐं हैं।

– रफीक अहमद कुरैशी,
सहायक कृषि अधिकारी

95% तक अनुदान प्रतिकूल हालात में भी अच्छा उत्पादन संभव: डॉ. भाकर

लघु-सीमांत किसान को 95% तक अनुदान राज्य सरकार द्धारा दिया जा रहा है। पश्चिमी राजस्थान में शेड नेट, पॉली हाऊस से किसान विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेतीं का अच्छा लाभ प्राप्त कर रहे है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अच्छा उत्पादन का लाभ होता है।

– डॉ. जीवनराम भाकर,
उप निदेशक (उद्यान) जोधपुर

पॉली हाउस एक संरक्षित खेती से आय का अच्छा संसाधन: स्वामी

पॉली हाउस भी खेती का उपयोगी माध्यम है और इसके जरिए भी किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं। आधुनिक संसाधनों का उपयोग करते हुए संरक्षित खेती के इस तरीके से कई किसानों लाखों की कमाई कर रहे हैं। इसके लिए विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

– जयनारायण स्वामी,
संयुक्त निदेशक (उद्यान), जोधपुर

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