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भगवान आवरण से नहीं आचरण से मिलते है: सन्त कृपाराम महाराज

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तिंवरी में कलश यात्रा के साथ नौ दिवसीय रामकथा प्रारम्भ

तिंवरी। बाबा रामदेव सेवा समिति माली समाज के तत्वावधान में नौ दिवसीय श्री राम कथा का शुभारंभ शनिवार को माली समाज रामरसोड़े में हुआ। कथा व्यास सन्त कृपाराम महाराज ने कथा प्रारम्भ करते हुए कहा कि संत समागम और राम कथा अत्यंत दुर्लभ है, समस्त ग्रंथों का निचोड़ श्री रामचरितमानस में ही है। सभी शास्त्रों का रस श्री रामचरित मानस है। सभी को राम से ही मिलना है, भगवान आवरण से नहीं आचरण से मिलते है। यही संदेश संतों ने संपूर्ण सृष्टि को दिया है। इन्होंने कहा कि भगवान राम का जीवन हम सभी के लिए आदर्श है। भगवान राम के जीवन से हमें प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने बताया कि भगवान राम ने हमे सत्य एवं सदाचार का मार्ग दिखाया है और माता-पिता को भी पुजनीय बताया है। भगवान राम की स्तुति से हमारा जीवन सदमार्ग की ओर बढ़ता है और मन को भी शुद्धि मिलती है।

कस्बे में कथा से पूर्व सभी श्रद्धालुओं द्वारा कलश यात्रा भी निकाली गई

रामकथा के शुभारंभ के अवसर पर ओसियां चौराहे से विशाल कलश शोभायात्रा निकली। कलश यात्रा में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी,बड़ी संख्या में श्रद्धालु केशरिया पताका लहराते, श्रीराम भजन की धुन पर नाचते गाते चल रहे थे। शोभायात्रा में सबसे आगे महिलाएं लाल चुनरी में सिर पर मंगल कलश धारण किये चल रही थी, उनके पीछे प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न सहित अन्य देव विग्रहों की झाँकी ट्रैक्टरों पर सवार थी।लोगों ने पुष्प वर्षा के साथ कलश यात्रा का स्वगत किया। बीच मे रथ पर कथा व्यास सन्त कृपाराम महाराज अपने गुरु सन्त राजाराम महाराज के साथ चल है थे।कलश यात्रा मुख्य बाजार से होते हुए कथा स्थल पर पहुंची।

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