– माली समाज राम रसोड़े में श्रीराम कथा का चतुर्थ दिवस, झूमती नजर आईं प्रफुल्लित महिला शक्ति
नारद तिंवरी। कथा व्यास ने श्रीराम की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि जिस भगवान की गोद में ब्रह्माण्ड खेलता है, वह भगवान बालरूप में माता कौशल्या की गोद में खेलते हैं। जिनकी गोंद में दुनियाँ हँसती रोती है वे माता कौशल्या की गोद में कभी रोते हैं तो कभी हंसते है। भगवान की बाललीला अदभुत और मनमोहक है। कथावाचक सन्त कृपाराम महाराज ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था।भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है।भगवान श्रीराम ने अपने उत्कृष्ट आचरण से अखिल विश्व को मानवता, प्रेम तथा पारिवारिक एवं सामाजिक मर्यादा का संदेश दिया।
कथा में सन्त ने कहा कि वर्तमान समय मे बचपन नष्ट हो रहा है। मोबाइल की वजह से बच्चे धर्म,संस्कृति से दूर हो रहे हैं। बचपन नष्ट करने वाले कोई और नहीं, बल्कि उनके परिवार ही हैं। यदि बचा सके तो आज बचपन बचाएँ। बच्चे अपने परिवार की पाठशाला में ही सर्वप्रथम सीखतें हैं। हमारा पारिवारिक जीवन जैसा होगा,भावी पीढ़ी भी वैसी ही होगी। परिवार में जैसे संस्कार होगें, वैसा ही संस्कार बालक सीखता है। सन्त ने कहा कि संस्कारवान पीढ़ी खड़ा करनी हो तो बच्चों के बचपन को संस्कारवान बनाया जाय।
