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शहीदों की नहीं होती मृत्यु, वो अमर होता है: वीरांगना संतोष

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– पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनों ने रखा करवा चौथ का व्रत, विधिवत पूजन कर किए चंद्र दर्शन

– उपखंड क्षेत्र की वीरांगनाओं ने करवा चौथ व्रत कर सुहागिनों की तरह की पूजा

भोपालगढ़। कस्बे सहित आसपास के गांवों में गुरूवार को महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। करवा चौथ के माध्यम से धरती के चांद ने निराजली व्रत रखकर आसमान के चांद का दीदार किया और फिर अपने पति रूपी सूर्य की सलामती के लिए मंगल कामनाएं की। करवा चौथ के दिन उपखंड क्षेत्र की वीरांगनाओं ने भी करवा चौथ का व्रत रखा। निकटवर्ती सोपड़ा, ओस्तरां, सालवा कलां, बुड़किया सहित कई गांवों में शहीदों की वीरांगनाओं ने भी करवा चौथ का व्रत रखकर चांद निकलने पर अपने पति की फोटो देखकर व्रत खोला।भोपालगढ़ निवासी सुखदेव गोदारा ने बताया कि स्थानीय गांव सोपड़ा के अमर शहीद कंवर राम गोदारा की वीरांगना संतोष देवी ने शहीद स्मारक पर पहुंचकर अपने पति की प्रतिमा के समक्ष विधिवत पूजा अर्चना करके छलनी से अपने शहीद पति का चेहरा देखकर व्रत खोला। शहीद की वीरांगना संतोष देवी का कहना है कि मेरे पति देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं। मैं उन्हें जीवनभर अमर मानूंगी और हर करवा चौथ पर व्रत रखूँगी। वही सुहागिनों ने बहुप्रतीक्षित निर्जला करवा चौथ का व्रत रखकर पति की सलामती एवं उन्नति की कामना की। शाम को चांद निकलने से पहले महिलाओं ने पूजा अर्चना की और चंद्र दर्शन के बाद सुहागिनों ने व्रत तोड़ा और अपने पति के हाथों से पानी पीकर आशीर्वाद प्राप्त किया। करवा चौथ पर सुहागिनों ने रंग-बिरंगे परिधान व आभूषण पहनकर तथा विभिन्न प्रकार के श्रृंगार करके जोड़े में करवा की पूजा की। चौथ के दिन करवा की पूजा सुहागिनी महिला अकेली नहीं कर सकती है, दो सुहागिनें आपस में करवा बदलती है और देवी से अपने अखंड सुहाग की रक्षा के लिए उनका पूजन अर्चन करती हैं। करवा चौथ पर चंद्रमा उदय होने के बाद सुहागिनें इनकी विधि विधान से पूजा अर्चना करती है तथा छलनी से चांद का दीदार करती है। इसके बाद व्रत तोड़ते हुए पति के हाथों से ही जल और फल ग्रहण करती है व बाद में करवा चौथ के अवसर पर तैयार विविध व्यंजन खाती है। करवा चौथ पर महिलाओं ने परंपरा के अनुसार भगवान गणेश व शिव पार्वती की भी पूजा करती है, इससे अखंड सौभाग्य, यश एवं कीर्ति की प्राप्ति होती है। पतियों ने पत्नी को जल पिलाकर व मिष्ठान खिलाकर आशीर्वाद देने के साथ-साथ उपहार भी भेंट किए।

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