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भाजपा-कांग्रेस, दोनों को आरएलपी से खतरा ! फंसी सीटों पर उम्मीदवार तय करने में आ रहा पसीना

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– रालोपा के बागियों के लिए खुले द्वार बढ़ा रहे हैं दोनों राजनीतिक दल के लिए परेशानी

कमल वैष्णव. जोधपुर

राजस्थान विधानसभा चुनाव की घोषणा को कई दिन बीत चुके हैं और प्रदेश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पाटियां, भाजपा और कांग्रेस एक के बाद एक कई सूचियां जारी कर चुकी है, लेकिन इन्हीं में दोनों पार्टी को खासी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन कई सीटें अब भी ऐसी हैं, जहां उम्मीदवार तय करने में इन दोनों पार्टियों को पसीने छूटते नजर आ रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण बगावत का खतरा तो है ही, साथ ही साथ दोनों ही राजनीतिक दलों के ऐसे बागियों के लिए रालोपा के खुले द्वार भाजपा व कांग्रेस के लिए बड़ा सिरदर्द साबित होता नजर आ रहा है। क्योंकि, रालोपा ने अधिकांशत: उन्हीं सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है, जहां इन दोनों राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार तय कर लिए। जहां कहीं भी दोनों पार्टी के प्रत्याशियों के नाम सामने नहीं आए हैं, उन सीटों पर रालोपा भी चुप्पी साधे बैठी है।

जोधपुर की इन सीटों पर मशक्कत जारी

भाजपा और कांग्रेस ने कई सूचियां जारी की, लेकिन जोधपुर की कुछ सीटें अब भी प्रत्याशी के इंतजार में हैं। इनमें कुछ जगह पर भाजपा ने नाम जारी कर दिए, तो कांग्रेस प्रत्याशी का नाम अब तक घोषित नहीं हुआ है, वहीं कुछ सीट ऐसी है, जहां कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं, लेकिन भाजपा उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है।

शेरगढ़ :

जोधपुर जिले की सबसे हॉट सीट बन चुकी है, क्योंकि यहां से न तो भाजपा ने और न ही कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है। भाजपा से जहां दिग्गज नेता बाबूसिंह राठौड़ की मजबूत दावेदारी है, तो जसवंतसिंह इंदा की पैरवी भी ऊपर तक मजबूती से होने की चर्चाएं चल रही है। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत यहां से अपने खास नेता जसवंतसिंह इंदा के लिए पैरवी कर रहे हैं, तो वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री राजे यहां से बाबूसिंह राठौड़ के लिए अड़ी हुई हैं। यही वजह है कि अब तक भाजपा अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पा रही है। सोशल मीडिया पर चर्चाएं तो यहां तक हो रही है कि बाबूसिंह राठौड़ को यहां से भाजपा ने टिकट नहीं दिया, तो वे रालोपा या कांग्रेस का हाथ थामने या निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस से मीना कंवर की दावेदारी भी अहम मानी जा रही है, लेकिन उनको लेकर क्षेत्र में लोगों के बीच भारी नाराजगी, मुख्यमंत्री गहलोत से पटरी नहीं बैठने और बाद में वापस नजदीकी होने, राहुल गांधी द्वारा करवाए गए सर्वे में पिछड़ने सहित कई तरह की चर्चाएं हो रही है। यही वजह है कि कांग्रेस इस सीट से किसी अन्य मजबूत दावेदार के नाम पर विचार कर रही है।

भाजपा और कांग्रेस के बीच है रालोपा…क्या इसी की वजह से उड़ी हुई है दोनों दलों की नींद….!!!!!

सूरसागर :

जोधपुर की सूरसागर विधानसभा सीट से भाजपा ने देवेंद्र जोशी को उम्मीदवार बनाया, लेकिन कांग्रेस से अब तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है। अमूमन इस सीट से कांग्रेस किसी अल्पसंख्यक को ही अपना प्रत्याशी बनाती रही है, लेकिन इस बार भाजपा ने मौजूदा विधायक सूर्यकांता व्यास का टिकट काट दिया। इससे अंदरखाने व्यास व उनके समर्थकों में खासी नाराजगी है। इसी बीच, गत दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देर रात सूर्यकांता व्यास के घर पहुंचकर उनसे अकेले में चर्चा कर सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी। इसके बाद से ही चर्चा है कि सूरसागर से कांग्रेस किसी ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारने जा रही है। हालांकि, इसके कई दिनों बाद भी यहां से कांग्रेस अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पाई है।

लोहावट व फलोदी :

इन दोनों सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा गुरुवार को जारी सूची में कर दी, लेकिन कांग्रेस से अब भी यहां प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं। इनमें जहां लोहावट से मौजूदा कांग्रेस विधायक किसनाराम विश्नोई के लिए सर्वे में नेगेटिव माहौल सामने आने की वजह बताते हुए यहां से किसी नए चेहरे को उतारे जाने की चर्चाएं है। इसी तरह, फलोदी से भी पब्बाराम विश्नोई के सामने नए चेहरे की तलाश किए जाने की चर्चाएं जोरों पर है।

#BJP-Congress, both are in danger from RLP! There is a lot of sweat in deciding the candidates for the stuck seats.

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