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भोपालगढ़: रूदिया के जाट समाज की सराहनीय पहल- शादी विवाह में नहीं बजेगा डीजे, मृत्युभोज में अमल डोडा की मनुहार भी बंद

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भोपालगढ़। उपखंड क्षेत्र के जाट समाज द्वारा पहल करते हुए मृत्यु भोज सहित समाज में फैली कई कुरूतियो को बंद करने का निर्णय ले रहे है।सबसे पहले सोपाड़ा,रतकुडिया ,हीरादेसर के जाट समाज ने निर्णय लिया।उसके बाद रूदिया गांव में जाट समाज के मौजीज पंचों, ग्रामीणों व युवाओं ने तेजेश्वर महादेव मंदिर परिसर में बैठक का आयोजन कर अनूठी पहल करते हुए अपने यहां होने वाले किसी भी प्रकार के सामाजिक कार्यक्रमों व आयोजनों में अफीम, डोडा पोस्त व किसी भी प्रकार के नशे की मनुहार नहीं की जाएगी और इस पर अब पूर्णतया प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। समाज के इस निर्णय की पालना नहीं करने पर उस परिवार को दंडित करने का भी प्रावधान किया गया है।

युवा भैरा राम सारण एवम समाजसेवी अनोप सियाग रूदिया ने बताया कि रूदिया गांव में जाट समाज में होने वाले सगाई समारोह, शादी विवाह एवं औसर मौसर सहित तमाम सामाजिक कार्यक्रमों में अक्सर मेहमानों के लिए एवं खासकर इन कार्यक्रमों में शामिल होने वाले बाहरी लोगों के लिए अफीम व डोडा पोस्त की मनुहार करने का प्रचलन चल रहा था, जिसके तहत एक दूसरे के देखादेखी के चलते कई गरीब परिवारों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ भी पड़ता था । इससे समाज की युवा पीढ़ी पर भी नशे का बुरा असर हो रहा था। जिसको देखते हुए रूदिया गांव के जाट समाज के लोगों, मौजीज पंचों व युवाओं ने तेजेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में बैठक का आयोजन कर सर्वसम्मति से समाज सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अब रूदिया गांव के जाट समाज के किसी भी घर परिवार में होने वाले सगाई समारोह, शादी विवाह, गंगाप्रसादी, जागरण व औसर मौसर सहित किसी भी प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम के आयोजन पर अफीम, डोडा पोस्त व अन्य किसी भी प्रकार के नशे की मनुहार करने पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही शादी विवाह जैसे मांगलिक अवसरों पर सम्मिलित होने वाले को गुड़ नहीं दिया जाएगा व शादी विवाह में बंदोली व बारात में डीजे व घोड़ी लाने पर पाबंदी लगाई गई है। इसके अलावा भी जाट समाज ने समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक कुरीतियों को बंद करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि रूदिया गांव के ही क्रांतिकारी विचारक प्रेमसिंह सियाग ने सोशल मीडिया के माध्यम से व गांव गांव घूमकर समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक कुरीतियों को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया है जो अब जाकर जमीनी स्तर पर कई जगहों पर धीरे धीरे लागू हो रहा है व अब उनका सपना सच होते हुए नजर आ रहा है।इस मौके पर ओमप्रकाश सियाग, सुखराम, दानाराम, दिलीप, रामपाल, अणदाराम, भंवरलाल, रामविलास, हड़मानराम, खींयाराम, रामनिवास, अनोप सियाग,महेंद्र सियाग, रूपाराम चौधरी, तुलछाराम, बाबूराम माचरा, पन्नाराम, नारायणराम, ओमाराम, खेताराम गोदारा, चौथाराम, राजूराम, सहित जाट समाज के कई मौजीज पंच, युवा व ग्रामीण मौजूद थे।

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