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शातिर साइबर क्रिमिनल: कांस्टेबल से 30 लाख की ठगी, निवेश पर दुगुने रिटर्न का झांसा दे ठगा

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  • मुनाफा ज्यादा हो गया तो मैसेज भेज धमकाया, राशि नहीं लौटाई तो लैप्स करवा दिया बैलेंस

जोधपुर। शातिर ठगों के झांसे में आकर पुलिस कमिश्नरेट के एक कांस्टेबल ने अपनी जमा राशि के 30 लाख रुपए गंवा दिए। उसे टेलीग्राम मैसेंजर पर एक लिंक मिला, जिस पर क्लिक करते ही एप डाउनलोड हो गई। एप में ​निवेश करने पर दोगुने मुनाफे का लालच दिया गया। कांस्टेबल इसके झांसे में आ गया और रुपए निवेश करने शुरू कर दिए। शुरूआत में तो उसे अच्छा रिटर्न मिला, लेकिन कुछ समय बाद रुपए आने बंद हो गए। जुलाई 2021 में हुई ठगी का मामला उसने अब बासनी थाने में दर्ज करवाया है।

बासनी थानाधिकारी मोहम्मद शफीक खान ने बताया कि जयपुर के तुंगा स्थित हिम्मतपुरा निवासी राजेश पुत्र पूरणमल ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि वह जोधपुर कमिश्नरेट में कांस्टेबल है। जुलाई 2021 में उसके मोबाइल पर टेलीग्राम मैसेंजर से एक लिंक आया। जिसमें रुपए निवेश करने पर दोगुना लाभ प्राप्त होने का लालच दिया। जिसकी वेबसाइट www.cooe.in थी। पैसे विड्रॉ करने के लिए रुपए मांगे, ऐसे ठगता चला गया कांस्टेबल: रिपोर्ट में कांस्टेबल ने बताया कि उसने एप में बाद में और रुपए निवेश किए। तब ठगों ने एप में बची राशि का विड्रॉ रोक दिया। रुपए विड्रॉ के लिए उन्होंने और इन्वेस्टमेंट की मांग की। इस तरह से कांस्टेबल ने करीब 30 लाख रुपए से ज्यादा की राशि निवेश कर धोखाधड़ी का शिकार हो गया। एप में कांस्टेबल ने ज्यादातर भुगतान पेटीएम और फोन-पे एप से यूपीआई आईडी के जरिए किया।

ठग इतने शातिर थे कि वे इस एप के अंदर यूपीआई आईडी तीन से चार दिन में बदल देते। जानकारी के अनुसार जब कांस्टेबल राजेश ने ज्यादा रुपए इन्वेस्ट कर दिए तो साइबर ठगों उसे साइबर मैसेज भेज रुपए और मुनाफा वापस देने के लिए बाध्य करने लगे। फिर उसकी सारी राशि को लैप्स करवा दिया। जब कांस्टेबल ने इसकी शिकायत एप पर बने हेल्प डेस्क service@cooe.in पर की तो वहां से किसी भी तरह का रिप्लाई नहीं आया। बार-बार शिकायत करने पर उन्होंने एक रिप्लाई में कहा कि आप और रुपए एड करोगे तो आपका पिछला नुकसान भी कवर करवा दिया जाएगा। तब कांस्टेबल ने और रुपए निवेश कर दिए। एप में अलग अलग टास्क बनाए हुए थे। उसमें से एक टास्क दिए गए टास्क को फॉलो करवा एप में इन्वेस्ट करने का था। शुरुआती दिनों में मुनाफे दिया। फिर कांस्टेबल उनके बताए अनुसार यूपीआई से रुपए भेजता रहा और आगे बढ़ता रहा।

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