राजस्थान में एसीबी के आदेश पर सियासत गर्मा गई है। बीजेपी ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा। वहीं मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी आदेश से नाराज हो गए है। खाद्यमंत्री खाचरियावास ने कहा कि मैं उस ऑर्डर से सहमत नहीं हूं। चार साल के कामों पर पानी फेरने वाला आदेश है। कोई भी कांग्रेस का विधायक, मंत्री इस तरह की कार्रवाई का समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस तरीके के डीजी के ऑर्डर को नहीं मान सकते। खाचरियावास ने कहा कि मेरा यह मानना है कि डीजी ने एंटी करप्शन ब्यूरो का चार्ज लेते ही जो ऑर्डर निकाला, वह ऑर्डर रिजेक्ट होने वाला है।
राजधानी जयपुर में मीडिया से बात करते हुए मंत्री खाचरियावास ने कहा कि इस तरह के ऑर्डर के साथ नहीं है। यह आर्डर बिल्कुल गलत है। मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि जब इस देश में इनकम टैक्स और जीएसटी टीम की कार्रवाई होती है तो बड़े-बड़े वो व्यापारी जो टैक्स देते हैं, उनकी फोटो और नाम चलाकर हाइलाइट किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी एजेंसियां बड़े-बड़े नेताओं और बिजनेसमैन के यहां कार्रवाई करती हैं, जो हजारों करोड़ का टैक्स भी देते हैं। उनके यहां पर कार्रवाई होती है ओर उनके चेहरे भी उजागर होते हैं। मंत्री प्रताप ने कहा कि इस देश में ऐसे आदेश बर्दाश्त नहीं किए जाएगा।
बता दें, राजस्थान में कार्यवाहक डीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी के भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों के चेहरे कोट से दोष साबित नहीं होने तक उजागर नहीं किए जाने के आदेश पर जबरदस्त विवाद खड़ा हो गया है। सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में आदेश वह होता है जो सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जारी करते है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस आदेश पर सीएम गहलोत को घेरा है।