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घर से 100 मीटर दूर डंपर ने तीन भाइयों को कुचला

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जोधपुर। शहर से करीब 15 किमी दूर सालावास गांव में एक साथ तीन भाइयों की मौत के बाद मातम पसरा है। शीतला सप्तमी के दिन तीनों भाइयों का जनाजा एक साथ उठा तो माहौल गमगीन हो गया। एक भाई राणाराम (20) की पत्नी अभी गर्भवती है। राणाराम बेटों के लिए चॉकलेट लेने के लिए अपने भाइयों फारुख (17) और प्रवीण (20) के साथ घर से निकला था। तभी डंपर ने तीनों को बुरी तरह से कुचल दिया। हादसा इतना खौफनाक था कि तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। शव सड़क पर बिखर गए थे। जिसने भी देखा, उसकी आंख भर गई। हादसा सोमवार सुबह 7:45 बजे जोधपुर के सालावास गांव के शिकारपुरा रोड पर हुआ। शाम को तीनों के शवों को दफनाया गया। घर में केवल राणाराम ही कमाने वाले थे। अब परिवार की जिम्मेदारी गर्भवती पत्नी पर आ गई है।

डंपर को ओवरटेक करते समय फिसली बाइक

राणाराम के भाई मुन्ना ने बताया- जोधपुर के सालावास गांव निवासी रणवीर उर्फ राणाराम मिरासी (20) पुत्र लूणाराम के घर उसका फुफेरा भाई प्रवीण (20) पुत्र राजू शेरगढ़ (बालेसर) और फारुख (17) पुत्र सदीक सालावास में ही रहते थे। राणाराम के दो बेटे हैं- 4 साल का आर्यन और 2 साल का युवराज। दोनों बेटों ने राणाराम से चॉकलेट लाने की बात कही थी। इसलिए तीनों भाई सुबह 7 बजकर 45 मिनट बाजार के लिए निकले। आगे बजरी से भरा डंपर चल रहा था। बाइक राणाराम चला रहा था। डंपर को ओवरटेक करने लगा तभी बाइक फिसल गई और तीनों डंपर के पिछले पहिए के नीचे आ गए। ये हादसा घर से महज 100 मीटर दूर ही हुआ था। फारुख अपनी मां से कुछ देर में आने की बात कहकर निकला था। जब उसकी मौत की सूचना आई थी तो पूरे घर में मातम छा गया।

बच्चों की जिम्मेदारी अब गर्भवती पत्नी पर

मुन्ना ने बताया- राणाराम का शव घर पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। राणाराम के बेटे चॉकलेट के इंतजार में थे। अपने पिता के शव को देख कुछ नहीं समझ पाए। अपनी मां रईशा को रोते देखा तो वो भी लिपट-लिपटकर रोने लगे। घर में छाए मातम का उन्हें पता भी नहीं चल पा रहा था। राणाराम की 5 साल पहले ही रईशा से शादी हुई थी। रईशा अभी 3 माह की गर्भवती है। राणाराम एक फैक्ट्री में मजदूरी करता था।

आगे पढ़ाई करना चाहता था फारुख

मुन्ना ने बताया- हादसे में मरने वाले फारुख और प्रवीण राणाराम के फुफेरे भाई थे। कुछ ऐसा ही हाल फारुख के घर का भी है। बेटे की मौत की खबर सुन मां रह-रह कर चीख उठती है। फारुख ने 12वीं का एग्जाम दिया था। कहता था सभी पेपर बहुत अच्छे हो गए हैं। आगे बड़े कॉलेज में एडमिशन लूंगा। सोमवार की सुबह वह भी अपने घर पर कुछ देर में आने का कहकर राणाराम व प्रवीण के साथ निकला था। दोपहर बाद जब बेटे की मौत की खबर फारूख की मां को लगी तो वह अपने घर में बेसुध हो गई। सालावास गांव का हर एक घर शोक में है। प्रवीण शेरगढ़ का रहने वाला था। वह छुट्टियों में सालावास अपने ननिहाल घूमने के लिए आया हुआ था। प्रवीण अपने परिजनों का इकलौता लड़का था। अब उसके परिवार में उसकी दो छोटी बहने हैं।

डंपर मालिक को लिया हिरासत में

विवेक विहार थानाधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि सालावास गांव में हुए हादसे के बाद मृतकों के परिजनों ने डंपर के ड्राइवर भाकरासनी निवासी रमेश पुत्र भंवरलाल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। हादसे के बाद ड्राइवर कुछ दूरी पर जाकर डंपर छोड़कर बचकर भागने की कोशिश की। इसमें वह नीचे गिर गया और उसके पैर में चोट आई है। पुलिस ने ड्राइवर रमेश व डंपर के मालिक सागर को हिरासत में लिया है।

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