– आयुर्वेद विश्वविद्यालय की ओर से जोधपुर के छह केंद्रों पर आज होंगे स्वर्णप्राशन शिविर
नारद जोधपुर। वर्तमान परिस्थितियों में बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के परिणामस्वरूप संक्रमण जनित रोग होने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही है। इससे बचने का सर्वोत्तम माध्यम बन रहा है आयुर्वेद का स्वर्णप्राशन। पुष्य नक्षत्र में संचालित स्वर्णप्राशन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। आयुर्वेद विश्वविद्याय की ओर से 18 जुलाई (मंगलवार) को जोधपुर शहर के छह केंद्रों पर स्वर्णप्राशन शिविर आयोजित किए जाएंगे। इनमें AIIMS, जोधपुर की आयुष ओपीडी में, जालोरी गेट के निकट शनिश्चरजी का थान, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित लवकुश गृह नवजीवन संस्थान, मगरा पूंजला स्थित राजकीय – किशोर गृह, आयुर्वेद चिकित्सालय करवड़ और गोद ग्राम घड़ाव के राजकीय विद्यालय में स्वर्णप्राशन ड्रॉप्स पिलाई जाएगी।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि आम जनता में बच्चों के सर्वांगीण स्वास्थ्य में स्वर्णप्राशन के लाभ और महत्त्व के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये हर माह स्वर्णप्राशन आयोजित किए जा रहे हैं। इसकी उपयोगिता पर चर्चा करते हुए प्रो. प्रजापति ने बताया कि शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के घट जाने से बच्चों में प्रायः संक्रमणजनित रोग हो जाने से उनकी शारीरिक-मानसिक-बौद्धिक वृद्धि एवं विकास बाधित हो जाता है। बच्चे एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भर हो जाते हैं, लेकिन कई रोगों में एंटीबायोटिक दवाएं भी निष्प्रभावी हो जाने से स्थिति जटिल हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना जरूरी हो जाता है।
आयुर्वेद के प्राचीन गंथों में उपलब्ध है प्रभावी उपाय
प्रो. प्रजापति के अनुसार आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित स्वर्णप्राशन सर्वथा उपयुक्त एवं प्रभावी उपाय है। प्रो. प्रजापति ने बताया कि प्रतिमाह पुष्य नक्षत्र के दिन विश्वविद्यालय के बाल रोग विभागान्तर्गत करवड़ स्थित चिकित्सालय सहित छः केन्द्रों पर सैकड़ों की संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को नियमित रूप से स्वर्णप्राशन ड्रॉप्स पिलाने के लिये आ रहे हैं। स्वर्ण प्राशन की अगली खुराक आगामी पुष्य नक्षत्र दिनांक 15 अगस्त 2023 मंगलवार को उक्त छहों स्थानों पर बच्चों को पिलाई जायेगी । कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने आमजनता से अपील की है कि विश्वविद्यालय के नाम से कुछ अनधिकृत लोग कुछ स्थानों पर संदिग्ध गुणवत्ता एवं व्यापारिक हित के लिये स्वर्णप्राशन दवा पिला रहे हैं जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।
हरियाली अमावस्या पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण
इससे पहले 17 जुलाई 2023 को हरियाली अमावस्या पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रजापति द्वारा विवि परिसर में स्थित धन्वन्तरि वनौषधि उद्यान में वट (बड़), अश्वत्थ (पीपल) और बिल्व (बेल) के पौधों का रोपण किया गया। इस दौरान कुलपति ने वटवृक्ष, पीपल एवं बिल्व में अनेक विशिष्ट औषधीय गुणों के कारण चिकित्सा में इनके विशिष्ट महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में भी इन औषधीय पेड़ों का विशेष महत्व है। हरियाली अमावस्या पर इन वृक्षों को लगाने का विशेष महत्व है। इस अवसर पर स्नातकोत्तर द्रव्यगुण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. चन्दनसिंह, हर्बल गार्डन प्रभारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पूर्विया एवं विभाग के संकाय सदस्य तथा पी. जी. अध्येता उपस्थित रहे।
आर्मी कौशल प्रशिक्षण केन्द्र में आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा महिला योग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु
इसी क्रम में, 17 जुलाई 2023 को कुलपति प्रो. प्रजापति की प्रेरणा से शिकारगढ़ स्थित आर्मी कौशल प्रशिक्षण केंद्र परिसर में महिलाओं के लिए विशेष एक माह (50 घंटे) प्रमाणपत्रीय प्रशिक्षण ‘श्रेष्ठ जीवन के लिए योग विज्ञान का आधारभूत पाठ्यक्रम’ शुरू किया गया। इसका शुभारंभ सुबह 10 बजे मेजर विनय कुमार एवं नायब सूबेदार बी. के. नायक की उपस्थिति में सामूहिक प्रार्थना के साथ किया गया। प्रशिक्षण के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय की योग टीम की छात्राओं द्वारा संगीतमय योगासन की प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. चंद्रभान शर्मा, नोडल अधिकारी द्वारा एक माह तक चलने वाले इस योग प्रशिक्षण से संबंधित समस्त जानकारी एवं योगाभ्यास के समय पालनीय आवश्यक निर्देशों के बारे में बताया गया। विवि के प्रवक्ता प्रो. प्रेमप्रकाश व्यास ने बताया कि प्रशिक्षण के प्रथम दिन शारीरिक शिथिलन क्रियाएं, सूक्ष्म व्यायाम, वक्रासन, वज्रासन, शशकासन, उत्तान मंडूकासन, कपालभाति एवं भ्रामरी प्राणायाम का विधिवत अभ्यास के साथ-साथ उनकी अभ्यास विधि व प्रभावों के बारे में समझाया गया। प्रशिक्षण सत्र का समापन शांति पाठ से किया गया। इस अवसर पर योग प्रशिक्षक श्यामलाल बिश्नोई एवं नर्सिंग स्टाफ सरोज यादव ने सहयोग प्रदान किया।