– गांव के युवा 24 घंटे गौ-सेवा के लिए समर्पित
भोपालगढ़। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में कुछ समय जीव-जंतुओं की सेवा के लिए समर्पित करना भी अपने आप में एक अनूठी मिसाल है। कुछ ऐसा ही गांव का एक ग्रुप कई वर्षों से वन्य जीव-जंतुओं, गायों,पक्षियों,मूक प्राणियों की 24 घंटे सेवा करने के लिए तत्पर रहता है। भोपालगढ़ से 7 किलोमीटर दूर जोधपुर रोड़ पर स्थित यह अनोखी मिशाल पेश करता है धोरू गांव। इस गांव का प्रत्येक गौ-भक्त घायल हुए वन्यजीवों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहता है ग्रुप के अंदर जैसे ही किसी हिरण,खरगोश,गाय,बछड़ी, नीलगाय,पक्षी आदि के घायल होने की सूचना मिलती हैं तुरंत सेवा करने के लिए पहुंच जाते हैं। ग्रुप के सदस्य मूक प्राणियों की सेवा परिवार के सदस्यों की तरह करते हैं। कोरोना काल में ग्रुप के सदस्यों व गांव वालों ने गायों की विशेष सेवा की थी। सेवा करने का जज्बा ग्रुप को अलग ही पहचान दिलाता है।
रलावास गौशाला में ले जाते हैं घायल जीवों को-
घायल होने वाले वन्यजीवों या अन्य पशु के बारे में रलावास गौशाला को सूचित किया जाता है उनकी गाड़ी आकर के घायल पशु को ले जाती है। तत्काल उसका प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया जाता है। यदि गौशाला की गाड़ी कहीं पर गई हुई है नहीं आ पाती है तो गांव के युवाओं द्वारा स्वयं की गाड़ी से घायल वन्य-जीव को गौशाला ले जाया जाता है। ग्रुप के सदस्यों द्वारा गौशाला में उचित रसीद कटवा दी जाती है।
गांव के सहयोग से चलाते हैं गौशाला-
गांव के युवाओं द्वारा गौ-हितार्थ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रत्येक अमावस्या के दिन गोदान एकत्रित किया जाता है एकत्रित गोदान से चारा,पानी व अन्य खर्च के माध्यम से गौशाला का संचालन किया जाता है। आज तक एक करोड रुपए की राशि एकत्रित कर गौ-सेवा में समर्पित की जा चुकी है। वर्तमान में भी 5 लाख का निर्माण कार्य चल रहा है तथा भविष्य में भी सहयोग से निर्माण कार्य करवाने की योजना हैं । गौशाला में सबसे अधिक सहयोग वाहन मालिकों और वाहन चालकों का रहता है।
इनका कहना है-
गौ-भक्तों व युवा साथियों की टीम द्वारा नि:स्वार्थ भाव से की जा रही सेवा सराहनीय हैं तथा इनकी सेवा की भावना संपूर्ण मानव जाति के लिए प्रेरणास्रोत है । नेक कार्य के लिए पूरी टीम बधाई की पात्र हैं।
रामकिशोर बिश्नोई धोरू,अधिवक्ता