- खेड़ापा में बालाजी महाराज के जागरण में झूमे श्रद्धालु
जोधपुर/भोपालगढ़। अपने भीतर की बुराई को उजागर कर अच्छाई को ग्रहण करें। मानव जीवन दुर्लभ है, इस जीवन में छुपी बुराई को सबके सामने प्रकट करने में शर्म नहीं करनी चाहिए और अच्छाइयां को ग्रहण कर छोटे से जीवन में अगर इसका सदप्रयोग कर लिया जाएं तो भगवान की प्राप्ति खुद ब खुद हो जाएगी।अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय आचार्य पीठ रामधाम खेड़ापा के पीठाधीश्वर पुरुषोत्तमदास महाराज ने खेड़ापा में आयोजित बालाजी महाराज के जागरण में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दुख एक मित्या सत्य है। धन की चाह रखने वाले व्यक्ति की इच्छा पूरी नही होती तो वह दुखी होता है, लेकिन हमारे धार्मिक ग्रंथ कहते हैं कि जीव के जीवन में भौतिक वस्तुओं का मिल जाना सुख नहीं और ना ही इच्छा का पूरा ना होना दुख है। उन्हें नाकारात्मक विचारों रूपी अंधकार को अपने भीतर से निकालकर सत्य के प्रकाश को अंदर भरना होगा। इस संसार में अगर कोई सत्य है तो वह है परमात्मा। इसलिए जब तक हम सत्य उस प्रभु को पा नहीं लेते तब तक हम इन दु:खों से निजात नही पा सकते। प्रभु रूपी धन को एकत्र करने वाला इंसान अपने जीवन की बाजी को जीत जाता है। उसे भवसागर के बीच नहीं डूबना पड़ता।
सामाजिक कार्यकर्ता रामपाल प्रजापत ने बताया कि आयोजक रामसनेही श्रद्धालु रामदयाल धतरवाल, राजूराम एवं श्यामलाल धतरवाल द्वारा बालाजी की भजन सरिता का आयोजन किया गया। जिसमें दिन भर भजन सरिता में झूमे श्रद्धालु। वहीं कलाकारों द्वारा श्रीराम के जयकारों के साथ ही बालाजी महाराज का गुणगान किया गया। रामधाम के रामसनेही कलाकारों ने बालाजी के एक से बढ़कर एक भजन सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। सुंदर भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु देर शाम तक झूमते गाते रहे।