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भोपालगढ़: भक्त की साधना से खुश होते हैं भगवान- संत सुखदेव महाराज

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  • रजलानी के बाबा छोड़सिंह गौशाला में श्री भक्तमाल कथा की हुई पूर्णाहुति

भोपालगढ़। उपखंड क्षेत्र के रजलानी गांव स्थित बाबा छोड़सिंह गौशाला में गौसेवार्थ सप्त दिवसीय श्री भक्तमाल कथा में मंगलवार को रजलानी सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों नर नारी श्रद्धालुओं ने भाग लेकर प्रवचन सुने। वहीं मंगलवार को विशाल कलश शोभायात्रा के साथ श्री भक्तमाल कथा की पूर्णाहुति हुई।गौशाला संचालक छगनदास शर्मा व सुनील पाड़ीवाल ने बताया कि रजलानी स्थित बाबा छोड़सिंह गौशाला प्रांगण में गौसेवार्थ सप्त दिवसीय श्री भक्तमाल कथा के अंतिम दिन कथाव्यास दरियाव आश्रम कुचेरा के युवा संत सुखदेव महाराज ने श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए कहा कि भक्त की साधना से खुश होकर भगवान रीझ जाते हैं। कलयुग में जीवन के सभी पापों से मुक्ति का एकमात्र आधार भगवान की भक्ति ही है। भगवान का नाम स्मरण करने से ही भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। भगवान के नाम में भारी शक्ति होती है। श्रीमद भागवत कथा व भक्तमाल कथा का श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है। वहीं इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के सहभागी होते हैं।

जय हरिडूंगरी आश्रम के संत श्रवण बापू ने कहा कि संत महापुरुष सत्संगों के माध्यम से समय-समय पर मानव जगत को सत्य का मार्ग दिखाते हैं। कलयुग में सत्संग के द्वारा आसानी से भगवान को प्राप्त किया जा सकता है लेकिन इसके लिए मानव के मन में पवित्र विचारों का संचार होना जरुरी है। भगवान कण कण में विराजमान हैं। वर्तमान कलयुग में अज्ञानतावश मनुष्य सन्मार्ग से भटक गया है।

श्री भक्तमाल कथा के दौरान गुलाबसागर जोधपुर के रामस्नेही संत श्रवणराम महाराज, शिवनाथ धूणा रजलानी की साध्वी सुखिया बाई, जय हरिडूंगरी आश्रम के संत श्रवण बापू, निर्मलदास महाराज खोखीमंगरा, भींवदास महाराज सोयला सहित कई संत महापुरुषों ने प्रवचन देते हुए भजनों की सरिता बहाई। इस मौके पर गौशाला संचालक छगनदास शर्मा, मांगीलाल पाड़ीवाल, सुगनाराम गिला, मेहराम गुर्जर, पूर्व सैनिक अमरसिंह पाड़ीवाल, प्रेमाराम गिला, रामनिवास गोदारा, कानाराम गोदारा, मांगीलाल गोदारा, महेंद्र खुड़खुड़िया, कुलदीप पिंटू टेलर, सुनील पाड़ीवाल, मुनसा गुर्जर, रूपाराम पाड़ीवाल, बाबूलाल गोदारा, राकेश पाड़ीवाल, इन्द्रसिंह गुर्जर, मेहराराम कड़वासड़ा, रामपाल गोदारा, भगाराम देवासी, विशनसिंह डूडी, रामप्रसाद शर्मा, जोगाराम सुथार, महेंद्र चंवेल, बुधाराम सुथार, घनश्याम शर्मा, सीताराम जलवाणिया, राकेश डूडी सहित सैकड़ों नर नारी श्रद्धालु मौजूद रहे।

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