- जोधपुर व आसपास के इलाकों में गत दिवाली पर निकाले थे 850 करोड़, बैंकों ने 650 करोड़ फ्रीज कर दिए थे, 200 करोड़ में से वसूली हुई बहुत कम
जोधपुर। पिछली दिवाली के दौरान यूको बैंक व आईडीएफसी बैंक के सर्वर में तकनीकी खामी का फायदा उठाकर जोधपुर व आसपास के इलाके के कई लोगों ने आईडीएफसी बैंक से 850 करोड़ रुपए की हेराफेरी कर ली थी। इस मामले में बैंक ने 650 करोड़ रुपए तो बचा लिए थे, लेकिन 200 करोड़ में से बैंक को वापस बहुत कम राशि मिली। रिपोर्ट जयपुर के साइबर थाने में दर्ज हुई और कुछ लोगों को पकड़ा भी गया। राशि बड़ी थी, खाताधारक भी बहुत ज्यादा था, लिहाजा मामला सीबीआई के पास पहुंचा और अब सीबीआई जोधपुर व आसपास के इलाको में दबिश देकर हेराफेरी करने वाले लोगों की धरपकड़ कर रही है। बताया गया है कि इस केस के लिए सीबीआई की 70 से अधिक टीमें कार्रवाई में जुटी हुई हैं।
दरअसल, गत नवंबर में दिवाली से ठीक पहले कुछ लोगों को इस बात की जानकारी लगी कि आईडीएफसी बैंक से यूको बैंक में एमपीएस या यूपीआई से पेमेंट ट्रांसफर करने पर पैसा आईडीएफसी के खाते से कट नहीं रहा लेकिन यूको बैंक के खाते में पैसा क्रेडिट हो रहा है। यह बात आग की तरफ फैली। खासकर, ग्रामीण इलाकों में तो ऐसे लोग रातों रात लखपति बन गए। लोग आईडीएफसी व यूको बैंक के खाताधारकों की तलाश करने लगे। कोई कमीशन के लालव में तो कोई अपनी कमाई के चक्कर में खातों के नंबर एक-दूसरे से शेयर करने लगे। दिवाली पर जब बैंकों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने ऐसे ट्रांजेक्शन तलाशने शुरू किए और बड़ी संख्या में खाते फ्रीज कर उनमें जमा राशि को डेबिट कर दिया। बैंक ने हेराफेरी से ट्रांसफर हुई राशि को वसूलने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन वसूली ज्यादा हो नहीं सकी। चूंकि मामला बैंकों और करोड़ों की वित्तीय हेराफेरी से जुड़ा है इसलिए अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है।
चिन्हित खाताधारकों की हो रही धरपकड़
सीबीआई की टीमें जोधपुर के ग्रामीण इलाकों में सक्रिय है। खासकर, लोहावट में ज्यादा मामले हुए थे, इसलिए वहां के खाताधारकों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है। इस केस में जोधपुर की पाल रोड स्थित ब्रांच के एक खाते को भी शामिल किया गया है। इसी खाते से पूरी कारस्तानी की शुरुआत होने की जानकारी सामने आ रही है। इस खाताधारक ने करीब 2 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए, जिनमें से 97 लाख रुपए खाते से निकाले भी लिए थे।