- 5 खातों की पासबुक, 8 चैक बुक और सरकारी पद की दो रबर स्टाम्प भी जब्त
जोधपुर। शहर के मंडोर थाना क्षेत्र में किशोर बाग में ई-मित्र संचालक के पास से पुलिस ने 60 आधार कार्ड, 20 डेबिट कार्ड, 15 पैन कार्ड 05 खाता बुक और 08 चैक बुक व 02 सरकारी मोहरें जब्त की है। साथ ही दो आरोपियों को भी पकड़ा है। ई-मित्र पर इन आधारकार्ड का उपयोग फर्जी बैंक अकाउंट खोल कर साइबर फ्रॉडस्टर व ऑनलाइन गेम खेलने वालों को उपलब्ध करवाने की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की। ई-मित्र संचालक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पकड़े गए दोनों आरोपियों को मंडोर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया और उन्हें पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। पुलिस कस्टडी में इन आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
लालच देकर खुलवाता है खाता
मंडोर थानाधिकारी विक्रमसिह ने बताया कि हमें सूचना मिली की किशोर बाग में संचालित राजस्थान ई मित्र के पूरणसिह, जितेन्द्रसिह व करनपालसिंह उर्फ केपी के पास बहुत से डेबिड कार्ड, विभिन्न नाम से आधार / जनआधार कार्ड, पेन कार्ड, विभिन्न बैंक खातों की पास बुके व फर्जी सरकारी सीले है। वह लोगों को लालच देकर उनसे खाते खुलवाकर खातों का सभी एक्सेस जैसे इन्टरनेट बैंकिंग, युजर आईडी पासवर्ड, डेबिट कार्ड व पासबुक आदि लेकर साईबर फ्रॉड व ऑनलाईन गेमिंग करने वाले अपराधियों को उपलब्ध कराते है। सूचना देने वाले ने बताया कि ई मित्र पर बडी मात्रा में डेबिड कार्ड, विभिन्न नाम से आधार / जनआधार कार्ड, पेन कार्ड, विभिन्न बैंक खातों की पास बुक व फर्जी सरकारी सीले व अन्य उपकरण मिल सकते हैं। इस पर उच्चाधिकारियों को सूचना से अवगत करा कर कमिश्नर रविदत्त गाैड़, डीसीपी अमृता दुहान, एडीसीपी नाजिम अली व एसीपी पीयुष कविया के निर्देश पर ऑपरेशन साइबर वज्र प्रहार के तहत राजस्थान ईमित्र पहुंचकर तलाशी ली। वहां दो संदिग्ध व्यक्ति ओसियां निवासी 22 वर्षीय पूरणसिह पुत्र रतनसिह व पहाडगंज निवासी 33 वर्षीय जितेन्द्रसिह पुत्र भुरसिंह के पास से फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पैन कार्ड, डेबिट कार्ड व बैंक पासबुक और चेक बुक तथा दस्तावेज प्रमाणित करने वाली सरकारी मोहरें बरामद हुई।
साइबर फ्रॉड में खातों का उपयोग
प्रारम्भिक जांच में पाया गया यह त ई-मित्र पर फर्जी अकाउंट खुलवाते और उन खाता को साइबर फ्रॉड में प्रयोग लेने के लिए बेच देते हैं। इनके पास से कुल 60 आधार कार्ड, 20 डेबिट कार्ड, 15 पैन कार्ड, 05 खाता बुक और 08 चैक बुक व 02 सरकारी मोहरें बरामद हुई। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह लालच देकर खाते खोलते थे। गिरोह का मास्टरमाइंड करणपाल सिंह है। मास्टरमाईंड करण पाल सिंह फरार हैं।
एडिटिंग से बनाते फर्जी आधार कार्ड
गिरफ्तार दोनों आरोपी और मास्टर माइंड करणपाल ने मिलकर एक ई मित्र इसी उद्देश्य से खोला की इसकी आड में फर्जी खाते बना सकेंगे। ई-मित्र की आड़ में गिरोह का मास्टरमाईन्ड करणपालसिंह फर्जी आधार कार्ड एडिट कर बनाता जिससे फर्जी पेन कार्ड तैयार कर इन दस्तावेजों के आधार पर फर्जी खातें खोलते थे। इन खातों को लाखों रुपयों के एवज में साइबर फ्रॉड करने वाली गैंग को बेच देते हैं। यह आरोपी सरकारी मोहरें भी रखते हैं, जिनका उपयोग यह लोग फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिये करते हैं।