अमेश बैरड़।
नारद गगाड़ी। क्षेत्र के निकटवर्ती रामनगर निवासी अनिता के अध्यापक बनने से माता-पिता का सपना जरूर पूरा हुआ, लेकिन इस साकार हुए सपने की खुशी में वे शामिल नहीं रहे। अनिता अध्यापक बनकर कितनी खुश है यह वो देख नहीं पाए। दरअसल अनिता का परिवार आज से क़रीब डेढ़ माह पूर्व पूरी तरह से उजड़ चुका था।
माता-पिता दोनों का साया उठ चुका था। दरसअल अनिता के माता, पिता, भाभी व मासूम भतीजी की उसके चाचा के बेटे भाई ने ही निर्मम हत्या कर दी थी। घटना के बाद परिवार में दो भाई व बेटी अनिता बची हैं। घटना के बाद अनिता भी अन्दर से पूरी टूट चुकी थी। एक ओर आंखों के सामने परिवार से साथ घटी दर्दनाक घटना घूम रही थी तो दूसरी ओर माता-पिता का सपना। अनिता कहती हैं अब मैं कहना चाहती हूं मम्मी-पापा मैने आपका सपना पूरा कर दिया और अध्यापक बन गई। लेकिन अफसोस वो तो अब बहुत दूर जा चुके है।