– भालू तेजसिंह नगर में कटाणी मार्ग के लिए जानबूझकर किए गए इस फर्जीवाड़े के विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीण
– उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग, कई खातेदारों के भी किए जाली दस्तखत
नारद चामू। क्षेत्र के पटवार मंडल भालू अनोपगढ़ के राजस्व गांव तेजसिंहनगर में चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें वर्ष 2018 में मृत एक व्यक्ति ने हाल ही में तहसील कार्यालय में सहमति पत्र दिया है और उस पर तुरत-फुरत में कार्यवाही करते हुए प्रशासन ने कटाणी रास्ता भी निकाल दिया। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को इस प्रकरण में हुई धांधली पर एक्शन लेने की बात की, तो उन्हें न्यायोजित जवाब देने की बजाय अफसरों ने भी धमकाना शुरू कर दिया। इससे क्षुब्ध ग्रामीण अब धरने पर बैठे हैं, क्योंकि इस फर्जीवाड़े से उनके खेतों के बीच में से रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है और वो भी चुनिंदा चहेतों को फायदा दिलाने के लिए। ग्रामीणों ने इसी सरकारी कोशिश के खिलाफ आवाज उठाने की ठान ली है। इन ग्रामीणों की मांग है कि उनके खेतों के बीच से रास्ता निकालने की बजाय खेत के किनारे-किनारे से कटाणी रास्ता निकाला जाए।
ग्रामीण नेताराम, चैनाराम, दलाराम सहित ग्रामीणों ने बताया कि गत 15 मार्च 2018 को क्षेत्र के एक किसान मोहनराम पुत्र नैनाराम की मौत हो गई थी। जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी है। इसके बाद वर्ष 2019 में कुछ लोगों ने तहसीदार के समक्ष एक प्रार्थना पत्र पेश कर मृतक मोहनराम के खेत में से कटाणी मार्ग निकालने की मांग कर दी। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने तहसीलदार को जो प्रार्थना पत्र पेश किया उसके साथ एक सहमति पत्र भी पेश किया गया है, जिसमें मोहनराम के अंगूठे व हस्ताक्षर भी हैं। जबकि उसकी मौत एक साल पहले ही हो चुकी थी। इसके बाद सरकारी सिस्टम की कार्यशैली बताने वाला आदेश भी पारित हो गया। वर्ष 2021 में उपखंड अधिकारी ने प्रार्थना पत्र के आधार पर मृतक मोहनराम के खेत से रास्ता निकालने का आदेश भी दे दिया। यह बात अब सामने आई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर रास्ता निकालना ही है तो खेत के बीच से निकालने की बजाय किनारे-किनारे निकाले।
तेजसिंहनगर के ग्रामीणों ने आम रास्ते की सरकारी नियमानुसार जांच करने की मांग की ग्रामीणों ने बताया कि तेजसिंहनगर के खसरा संख्या 273, 278, 294, 295, 296, 297 में हम खातेदारों की सामलाती खातेदारी की जमीन है। जो सामलाती खातेदारी की जमीन आई हुई है। उस जमीन की तरमीम बंटवारा नही हुआ हैं। खसरा में खातेदार मोहनराम पुत्र नैनाराम मेघवाल का निधन 15 मार्च 2018 को चुका है।
ग्रामीणों ने लिखा कि हम काश्तकार अनुसूचित जनजाति के होने के कारण जबरन व मनमर्जी से डरा धमकाकर उपरोक्त रास्ते को राजस्व रिकाॅर्ड में दर्शाया जा रहा है। जिनसे हम खातेदार सहमत नहीं है। हमें कटाण मार्ग के बारे में किसी तरह की सूचना नहीं दी गई। बिना सूचना दिए अब सड़क डामरीकरण का कार्य भी शुरू किया जा रहा है। वर्ष 2021 में उपखंड अधिकारी बालेसर आदेश जारी किया कि तेजसिंहनगर का काटणी रास्ता स्वीकृत किया जाएं, जिसमें मृत की सहमति बताकर आनन-फानन में आम रास्ता कटवाया गया है।
ग्रामीणों ने शुरू किया फर्जीवाड़े के खिलाफ धरना-
वही ग्रामीण शनिवार को भालू तेजसिंह नगर में जहां से रास्ता निकालना प्रस्तावित हैं। वहां पर टेंट लगाकर धरने पर बैठकर विरोध प्रर्दशन शुरू किया एवं ग्रामीणों ने बताया कि मृत व्यक्ति को जीवित बताने के मामलें में दोषियों के खिलाफ कारवाई करवाने एंव रास्ता खेत के बीचो – बीच नही निकालकर किनारे –किनारे निकाला जाये। इसको लेकर विरोध प्रर्दशन शुरू कर दिया । इस मौके पर ग्रामीण पिरदान सिंह, पुर्व सरपंच राम सिंह, देवी सिंह, दुर्ग सिंह, हरिसिंह, भैरूसिंह, अमर सिंह,सुरेश कुमार, नेताराम, चैनाराम, दलाराम, केसाराम, कंवराराम, विजाराम, मेगाराम, दुर्गसिंह आदि उपस्थित थे।
इनका कहना
कटाणी रास्ते को लेकर धरने बैठै काश्तकारो की मांग है कि रोङ को खेत किनारे निकाले जाए एवं सहमति पत्र पर फर्जी तरीके से किए गए साइन व अगुठा की जांच करके दोषीयो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए ।
– राम सिंह, पूर्व सरपंच।
मुझे इस तरह की जानकारी नही है लिखित शिकायत मिलने पर आगे की करवाई करेंगे। मृत को जीवित दर्शाकर सहमति दिलाई गई है, तो वह नियम विरुद्ध है।
– पुष्पाकंवर सिसोदिया, उपखंड अधिकारी, बालेसर।