नारद लूणी। लूणी के पूर्व विधायक जोगाराम पटेल ने सरकार के नए जिले बनाने की कवायद को राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती है। उन्होंने याचिका दाखिल कर कहा है कि सरकार ने असंवैधानिक तरीका अपनाकर इन जिलों का गठन किया है, जिसमें लूणी, झंवर व कुड़ी भगतासनी जैसे शहरी सीमा से सटे इलाकों को ग्रामीण जिले में शामिल कर यहां के लोगों के साथ अन्याय किया है।
याचिकाकर्ता जोगाराम पटेल ने अधिवक्ता रजत दवे के जरिये पेश की याचिका में कोर्ट से कहा है कि वर्ष 2022-23 के बजट बहस के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिले बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की थी। समिति के सुझाव व अनुशंसा के आधार पर जिले गठित करने की बात कही गई। यह समिति 16 मार्च 2022 को गठित हो गई थी और सेवानिवृत्त आईएएस राम लुभाया को इसका चेयरमैन बनाया गया।

समिति का कार्यकाल मार्च 2023 में खत्म होने वाला था, जिसे सरकार ने सितंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया। सरकार ने कभी इस कमेटी की कार्यप्रणाली को लेकर कभी सार्वजनिक तौर पर कुछ जानकारी नहीं दी। कमेटी ने मुझ याचिकाकर्ता जो कि जनप्रतिनिधि है, से भी कभी कोई सुझाव या आपत्ति नहीं ली। समिति ने सरकार को जो रिपोर्ट दी, उसमें आमजन के हित व भावनाओं को शामिल ही नहीं किया गया। सरकार ने इसी को आधार बनाकर हाल ही 6 अगस्त को नए जिलों की अधिसूचना जारी कर दी। इसमें लूणी तहसील, झंवर व कुड़ी भगतासनी को जोधपुर ग्रामीण जिले में शामिल कर दिया गया। सरकार ने समिति की जिन सिफारिशों व सुझावों को माना है, वे न तो सार्वजनिक किए गए और न सार्वजनिक रूप से ये कहीं उपलब्ध हैं।
सरकार ने असंवैधानिक रूप से लूणी, झंवर व कुड़ी भगतासनी को ग्रामीण जिले में शामिल किया है, जो कि गलत है। इन इलाकों को ग्रामीण जिले में शामिल करने से पहले क्षेत्र के लोगों से सुझाव, आपत्ति मांगने जैसा कोई भी संवैधानिक कार्य नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने जब सरकार की यह अधिसूचना देखी तो जिला स्तर से सरकार के स्तर तक ज्ञापन प्रेषित कर मांग की कि इन इलाकों को जोधपुर शहर जिले में शामिल किया जाए, न कि जोधपुर ग्रामीण में। जिस कमेटी की अनुशंसा पर सरकार ने जिले गठित करने की अधिसूचना जारी की है, उससे पहले उसका कोई ड्राफ्ट भी जारी नहीं किया गया है। कमेटी ने कब-कब बैठक की, उस बैठक में क्या चर्चा और निर्णय हुए, इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक प्लेटफार्म पर उपलब्ध ही नहीं है। चूंकि ग्रामीण में शामिल किए गए लूणी, झंवर व कुड़ी भगतासनी के इलाके शहरी सीमा से सटे हुए हैं और सार्वजनिक सुविधाओं के लिहाज से शहर से ही आपूर्ति होती है, ऐसे में इन्हें शहर से अलग कर ग्रामीण जिले में शामिल करना क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय है। जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की एकलपीठ में हुई सुनवाई। राज्य सरकार की ओर केवियट दाखिल होने से मामले को 23 अगस्त के लिए रखा है।
Former #MLA Patel #petitioned to include #Luni, #Jhanwar and #Kudi_Bhagatasani in the #jodhpur city