– व्यवसायी पर जानलेवा हमला कर सात लाख लूटने वाले बदमाश रात भर दलदल व घास में छुपे रहे, सुबह निकलते ही धरे गए
– पुलिस की घेराबंदी के बीच तीन जगहों पर तोड़ी नाकाबंदी,
– पूरी रात घेराबंदी के साथ चला जंगल व अंधेरे में ड्रेगन लाइट्स व मोबाइल की रोशनी में पुलिस का अभियान ‘ऑपरेशन सनसाइन’
नारद जोधपुर। मंडोर मंडी के व्यवसायी के लाखों रुपए घर जाते समय जानलेवा हमला कर सात लाख रुपए लूटने वाले तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं। घटना शुक्रवार रात आठ बजे की थी। लुटेरे वारदात को अंजाम देकर भाग निकले थे लेकिन पुलिस के नाकाबंदी करवाते ही उन्हें अपना वाहन छोड़कर पैदल भागना पड़ा था। वे शिकारगढ़ इलाके में पाबूपुरा सरहद में ऐसी जगह पहुंच गए जहां दलदल और घास थी। इस बीच, पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया। एक तरफ पुलिस थी तो दूसरी तरफ सेना का इलाका। इनका बच कर जाना मुश्किल हो गया तो ये रातभर दलदल में बैठे रहे। सुबह होते ही इन्होंने बाहर निकल भागने की नाकाम कोशिश की। जैसे ही बाहर निकले, पुलिस ने पकड़ लिया।
दरअसल, मूलत: फलोदी, हाल शिव शक्ति नगर महामंदिर निवासी प्रेम प्रकाश बिरला की मंडोर मंडी में शिव शक्ति प्रोडक्ट के नाम से फर्म है। रोजाना की तरह वे अपनी दुकान मंगल कर रात आठ बजे दिनभर का कैश लेकर घर लौट ही रहे थे, तभी मंडी परिसर में ही पीछे से बोलेरो कैंपर सफेद रंग गाड़ी में आए लुटेरों ने गाड़ी उनके आगे लगा दी। वे रूके, तभी बदमाश उनके हाथ से बैग छीनने लगे। गाड़ी में पीछे बैठे लड़के ने उनका बैग छीन लिया। वे बचाने की कोशिश कर रहे थे, तभी एक लुटेरे ने उनके बाएं हाथ पर धारदार हथियार से वार कर गहरा जख्म कर दिया। वे लहूलुहान होकर नीचे गिर गए और लुटेरे बैग ले भागे।
पुलिस दौड़ी तो दलदल में फंसे लुटेरे
वारदात का पता चलते ही पुलिस उपायुक्त पूर्व डॉ. अमृता दुहन के सुपरविजन में नाजिम अली अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोधपुर पूर्व, ओमप्रकाश सराय सहायक पुलिस आयुक्त पूर्व, पीयुष कविया सहायक पुलिस आयुक्त मण्डोर एवं महामंदिर थानाधिकारी मांगीलाल विश्नोई व अन्य थानाधिकारीयों के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया। पुलिस पीछे दौड़ी और नाकाबंदी करवाई। लुटेरों की बोलेरो कैम्पर का पता चलने पर उसे तलाशने के लिए पुलिस ने पूरा जोर लगा दिया। पता चला कि पृथ्वीपुरा सरहद के पास दो बदमाश गाड़ी से कूद कर उस इलाके में आए घने घास व झाडियों के बीच दलदल में भाग गए। रात हो चुकी थी, ऐसे में इलाके को देखते हुए इन्हें पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती थी। पुलिस ने ऑपरेशन सनराईज द्वितीय के रूप में घेराबंदी की गई। पुलिस ने वाहनों व ड्रेगन लाइट से बदमाशों को बता दिया कि वे बचकर नहीं जा सकेंगे। सुबह के समय बदमाशों ने मौका देखा और दौड़ने की कोशिश की। पुलिस ने उनके कदमों से घास में हो रही आवाज को सुन लिया। पुलिस भी उनके पीछे दौड़ पड़ी। बदमाश दलदल एवं पत्थरों पर गिरते पड़ते आखिर पकड़े ही गए। प्रारम्भिक पूछताछ पर मौके से दस्तयाब धर्मेन्द्र चौधरी व मुकेश जाखड़ ने अपने तीसरे साथी रणजीत सिंगड निवासी कालवा पीएस पचपदरा के साथ मिलकर मण्डी में व्यापारी पर हमला कर लूट करने की वारदात को स्वीकार किया तथा तीसरा साथी रणजीत सिंगड आर्मी तिराया के पास चलती गाड़ी से उतर जाना बताया। पुलिस ने तीसरे आरोपी रणजीत सिंगह को भी बोरानाडा से पकड़ लिया।
बेपरवाह व्यवसायियों पर नजर रख रहे थे लुटेरे
आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि वे लगातार मंडोर में शाम के समय नगद राशि लेकर दुपहिया वाहन पर जाने वाले उन व्यापारियों पर नजर रखते थे, जो सजग नहीं होते थे। रैकी करने के बाद वे मौका पाकर वारदात करने ही आए थे। हालांकि, इस वारदात में पुलिस को एक अन्य युवक के शामिल होने की आशंका है, जिसने तीनों बदमाशों को पीड़ित व्यापारी के आने-जाने और नकदी होने के बारे में जानकारी दी थी। पुलिस अब उसकी भूमिका के बारे में भी गहनता से छानबीन कर रही है।