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ट्रेनों में जनरल कोच पहले से कम, डाक के आधे डिब्बे ने बढ़ा दी यात्रियों की मुसीबत

General coaches in trains less than before, half of the postal boxes increased the trouble of passengers

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यात्रियों का आरोप, 300 रुपए में सीट बेच रहे हैं डाक के कर्मचारी

जोधपुर। भारतीय रेल नित नई तकनीक की ट्रेनें तो चला रहा है लेकिन इनमें आम यात्रियों के लिए जगह कम होती जा रही है। हम बात कर रहे हैं जनरल बोगी की, जो इस श्रेणी के यात्रियों की संख्या के लिहाज से ट्रेनों में कम ही लगाए जाते हैं। वैसे भी अब रेलवे में पैसेंजर ट्रेन कोई रही नहीं है, ऐसे यात्रियों को भी कोच की गैलेरी और दरवाजों पर बैठकर जाने के लिए मेल व एक्सप्रेस का किराया ही देना पड़ता है।
ताजा मामला ट्रेन संख्या 12307 हावड़ा-जोधपुर का सामने आया है, जिसमें यात्रियों को ट्रेन के दरवाजे पर बैठकर सफर करना पड़ रहा है। यात्रियों ने जनरल कोच की हालत का वीडियो जारी कर रेलवे से शिकायत की है कि पहले से जनरल कोच कम है, उस पर आधी बोगी रेल मेल सर्विस के नाम पर कर दी। यात्री बैठे तो कहां। आरएमएस ने रस्सियां बांधकर अपने हिस्से की बोगी को अलग कर लिया। यात्रियों का तो यहां तक आरोप है कि इस भीड़ में से जो पैसे देने को तैयार है, उन्हें आरएमएस कोच में बैठने के लिए सीट दी जा रही है। यात्रियों के मुताबिक पहली जनरल बोगी में 1 से 40 नंबर सीट तक डाक के नाम पर भर रखी है। पब्लिक पूरी भीड़ के साथ गेट पर व रास्तों में बैठी है। इन 1 से 40 तक सीटों पर बैठने के लिए जयपुर से मेड़ता तक के लिए 300 रुपए मांग रहे हैं। जो पैसे देने के लिए राजी है उनको बिठा रहे हैं।
इधर, जोधपुर-भोपाल ट्रेन का भी एक नजारा सामने आया है। यात्रियों ने शिकायत कर कहा है कि इस ट्रेन में पांव रखने तक की जगह नहीं है। किराया मेल एक्सप्रेस का दे रहे हैं, बैठने के लिए सीट तक नहीं है। एक बार जो यात्री जहां घूस गया, उसके बाद वह हिल तक नहीं सकता।

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