33.3 C
Jodhpur

ओसियां में भाजपा ने जताया पूर्व विधायक भैराराम सियोल पर भरोसा, फिर बनाया प्रत्याशी

spot_img

Published:

– सियोल के मांडियाई स्थित घर पर लगा समर्थकों व भाजपा नेताओं का जमावड़ा, मिल रही बधाइयां

तिंवरी। ओसियां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने एक बार फिर पूर्व विधायक भैराराम सियोल पर भरोसा जताते हुए इस बार भी ओसियां से ही प्रत्याशी घोषित किया है। गुरुवार शाम को जारी सूची में सियोल का नाम आते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने फटाके फोड़कर जश्न मनाया और सियोल के मांडियाई स्थित निवास पर समर्थकों की भीड़ लग गई। समर्थकों ने गले मिलकर बधाई दी। उल्लेखनीय है कि सियोल ने वर्ष 2013 ओसियां विधानसभा क्षेत्र से ही मौजूदा कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा की माता लीला मदेरणा को हराकर जीत हासिल की थी। वहीं, वर्ष 2018 में त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी दिव्या से चुनाव हार गए थे।

परिसीमन से पहले तक यह सीट कांग्रेस का अभेध्य गढ़ रही और 11 बार कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा महज दो बार ही इस सीट पर जीत पाई। जाट व राजपूत बाहुलय इस सीट पर माली, मेघवाल और विश्नोई समाज के वोट निर्णायक माने जाते हैं। जिले की 10 सीटों में से एक ओसियां विधानसभा सीट है, जो जिले की ग्रामीण परिवेश की सीट है।अब यह क्षेत्र जोधपुर ग्रामीण के हिस्से में आता है. यह एक सामान्य विधानसभा सीट है। इस सीट पर 2008 में दिव्या के पिता महिपाल मदेरणा भी निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे थे।

कितने वोटर, कितनी आबादी

ओसियां विधानसभा क्षेत्र के वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद 2 बड़ी पंचायत समितियां ओसियां व तिंवरी का पूर्ण हिस्सा और बावड़ी पंचायत समिति का हिस्सा आता है। ओसियां विधानसभा क्षेत्र में राजपूत बाहुल्य गांव है, जिसमे जाट विश्नोई मेघवाल आबादी भी आती है। वही तिंवरी पंचायत समिति में जाट राजपूत ओर माली बाहुल्य गांव है।जिसमे इनके साथ मेघवाल, विश्नोई समाज के बहुतायत आबादी निवास करती है। यहां करीब 2 लाख 70 हजार से अधिक मतदता है।

कैसा रहा राजनीतिक इतिहास

इस सीट पर राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 11 बार कांग्रेस, 2 बार भाजपा और 1 बार जनता दल ने जीत दर्ज की है. 1957 में कांग्रेस के परसराम मदेरणा और 1962 में भी परसराम मदेरणा विधायक रहें. वहीं 1967, 1972 व 1977 में रणजीत सिंह, 1980, 1985 में नरेंद्र सिंह भाटी यहां से विधायक रहें. 1990 में जनता दल के टिकट पर राम नारायण बिश्नोई ने यहां से जीत दर्ज की और फिर 1993 और 1998 में कांग्रेस के नरेंद्र सिंह भाटी यहां से विधानसभा पहुंचे। 2003 में बीजेपी से बन्ने सिंह, 2008 में कांग्रेस से महिपाल मदेरणा, 2013 में भाजपा से भैराराम चौधरी सियोल और 2018 में कांग्रेस से दिव्या मदेरणा ने जीत हासिल की।

[bsa_pro_ad_space id=2]
spot_img
spot_img

सम्बंधित समाचार

Ad

spot_img

ताजा समाचार

spot_img