– एम्स के निकट धर्मार्थ उपयोगार्थ निशुल्क आवंटित जमीन बेचने और पट्टे जारी करने के मामले में कथित मिलीभगत का मामला
जोधपुर। एम्स के निकट स्थित 56 बीघा जमीन, जिसे सरकार ने 54 साल पहले धर्मार्थ उपयोग के लिए निशुल्क आवंटित की थी, उसी जमीन को भूमाफिया से साठगांठ कर पट्टे जारी करने के मामले में जेडीए के उपायुक्त को निलंबित तक कर दिया गया था, उसी जमीन पर अब भी निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में एक बार फिर जेडीए अफसरों की भूमिका संदेह के दायरे में नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर में एम्स शुरू होने के बाद इससे सटी जमीन बेशकीमती हो गई और उस पर भूमाफिया ने नजर गढ़ा ली। इसके बाद जेडीए के अफसरों के साथ साठगांठ कर शुरू हुआ इस बेशकीमती जमीन को हड़पने का दौर। इसके लिए सरकार से अनुमति हासिल कर जमीन को बेच कर एकल कॉमर्शियल पट्टा भी जारी करवा लिया गया। इसका खुलासा हुआ, तो जेडीए ही नहीं प्रदेशभर में हड़कंप मच गया और सरकार भी सवालों के घेरे में नजर आने लगी। तब सरकार ने सख्ती दिखाते हुए गत दिनों जेडीए के उपायुक्त रवींद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया।
फिर काम चलते देख दी जेडीए अफसरों को सूचना, दो घंटे बाद भी नहीं पहुंचे: पूनिया
एम्स के पास स्थित इस जमीन पर शुक्रवार सुबह निर्माण कार्य चलते देख रालोपा नेता संपत पूनिया ने इसकी सूचना जेडीए अधिकारियों को दी। इसके बाद भी दोपहर तक यहां निर्माण कार्य चलता रहा। ऐसे में जेडीए अफसरों की भूमिका भी संदेह के दायरे में नजर आने लगी है। पूनिया ने जब इसका वीडियो बनाना शुरू किया, तो यहां काम कर रही जेसीबी का ऑपरेटर गाड़ी भगा ले गया, लेकिन सूचना के दो घंटे बाद भी जेडीए के जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे।