जोधपुर-साबरमती वंदे भारत का एक सप्ताह, एक दिन ही सबसे ज्यादा 48% बुकिंग
प्रवीण धींगरा
जोधपुर। रेलवे ने देश की 25वीं वंदे भारत जोधपुर व साबरमती के बीच शुरू तो कर दी लेकिन एक सप्ताह के सफर में इसे आधे यात्री भी नहीं मिल रहे। महज एक ही दिन ऐसा था, जब 48 फीसदी सीटों पर बुकिंग हुई थी, बाकि दिन तो 30 से 45 फीसदी तक ही यात्री मिल रहे हैं। रेलवे ने हाल ही वंदे भारत जैसी ट्रेनों में 50 फीसदी से ज्यादा सीटें रिक्त रहने पर किराये में छूट का एलान किया है, ऐसे में जोधपुर की वंदे भारत के यात्रियों को यह फायदा मिल सकता है।
दरअसल, रेलवे ने 9 जुलाई से यात्रियों के लिए इसे शुरू किया था। नारद की ओर से जुटाई गई जानकारी (9 से 15 जुलाई तक) के अनुसार फेरे के पहले दिन ही इस ट्रेन में 48 फीसदी यात्रियों ने बुकिंग करवाई थी। इसके बाद सबसे कम बुकिंग 13 जुलाई को हुई थी। उस दिन 527 सीटों के लिए महज 26 फीसदी यात्रियों ने बुकिंग करवाई। इस ट्रेन के एसी चेयरकार में 475 तो एक्जीक्यूटिव क्लास में 52 सीट पर बुकिंग की जाती है।
एसी चेयरकार में 27 से 49 फीसदी बुकिंग
ट्रेन में एसी चेयरकार के ही सबसे ज्यादा कोच है। इस श्रेणी में 475 सीट के लिए इन सात दिन में सबसे ज्यादा 49 फीसदी यानी 233 यात्रियों की बुकिंग 15 जुलाई को हुई थी। इस श्रेणी में सबसे कम यात्री 13 जुलाई को गए थे, जिनकी संख्या 127 थी।
एक्जीक्यूटिव क्लास में एक दिन 65 फीसदी बुकिंग
इस ट्रेन में एक्जीक्यूटिव श्रेणी का एक ही कोच है, जिसमें 52 सीट पर बुकिंग की जाती है। ट्रेन के पहले सप्ताह में 12 जुलाई को सबसे ज्यादा 65 फीसदी बुकिंग हुई थी। इस दिन 34 यात्रियों ने टिकट लिया था। सबसे कम यात्री 13 जुलाई को बुक हुए थे, जिनकी संख्या महज 10 थी।
किराया और टाइम, दोनों में बदलाव की जरूरत
ट्रेन के यात्री और आमजन की एकमत से राय है कि इस ट्रेन का फायदा तभी है जब किराया और साबरमती पहुंचने के टाइम को युक्तिसंगत किया जाएगा। छह घंटे की यात्रा के बाद अहमदाबाद पहुंचने के लिए टैक्सी भाड़ा और टाइम भी अलग से लगता है। जब दूसरी ट्रेनों से इसका टाइम महज डेढ़ से दो घंटे कम है तो किराया भी ज्यादा देना लोगों की समझ से परे हैं।
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