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लाल पगड़ीधारी देवासियों के महाकुंभ से हर समाज को संदेश: लाखों की भीड़ में भी अनुशासन संभव

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– पारंपरिक वेशभूषा में प्रदेशभर से जुटे रैबारी समाज के लोग, राजनीतिक भागीदारी को लेकर भरी हुंकार

नारद जोधपुर। रविवार की सुबह से ही शहर के तकरीबन हर मुख्य मार्ग पर लाल पगड़ीधारी लोगों का रैला निकलता दिखा, जो पहुंच रहे थे रावण का चबूतरा मैदान पर। यहां देवासी समाज का महाकुंभ जो था। प्रदेश में पहली बार आयोजित देवासी महाकुंभ में लाखों की भीड़ जुटी, तो शहर के लोग भी इनके अनुशासन को देखकर अचंभित होने के साथ खुश भी थे। इस महाकुंभ ने जहां अन्य तमाम समाजों के लोगों को एक संदेश भी दे दिया कि भीड़ भले ही लाखों की हो, लेकिन अनुशासित आयोजन करना संभव है। हालांकि, दोपहर बाद महाकुंभ समापन के बाद शहर की सड़कों पर एकबारगी ट्रैफिक भले ही जाम होता दिखा, लेकिन आमजन को भीड़ ने कहीं परेशान किया हो, ऐसा कहीं नजर नहीं आया।

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले देवासी समाज ने अपनी एकजुटता दिखाकर कांग्रेस व भाजपा सहित अन्य सभी राजनीतिक दलों को तो संदेश दिया ही है, साथ ही साथ महाकुंभ के जरिए देवासी समाज ने हुंकार भरी, उसे देख-सुनकर सभी राजनीतिक दल भी अब इन्हें कमतर आंकने की भूल शायद ही करेंगे। महाकुंभ के जरिए रविवार को जोधपुर में हुए इस शक्ति प्रदर्शन में जहां देवासी समाज के लोगों ने एक जैसी अपनी पारंपरिक वेशभूषा से हर किसी को आकर्षित किया, वहीं पूरा शहर भी इनकी लाल पगड़ी के रंग में रंगा नजर आया।

महाकुंभ को मिला संतों का आशीर्वाद, देवासी दिग्गज भी पहुंचे

इस महाकुंभ में नून मठ के रामपुरी जी महाराज, महंत योगी लक्ष्मणनाथ, जेतेश्वर धाम सिणधरी के महंत पारसाराम, संत तीर्थगिरी, बालसंत कृपाराम महाराज, राजयोगी संध्यानाथ, महंत लक्ष्मणनाथ देवासी सहित अन्य संतों ने इस महाकुंभ में शिरकत कर आशीर्वाद दिया। देवासी समाज के दिग्गज केंद्रीय ऊन कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष गोरधन राइका इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में यहां पहुंचे। वहीं, पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी, रतन देवासी, सागर रायका, सांवलाराम देवासी, अभिनेत्री आशासिंह, रामचंद्र देवासी, जगदीश खारा बेरा, सतपाल देवासी, खानूराम देवासी, हरिराम देवासी, खीमाराम देवासी रोहट, सहित प्रदेशभर से भाजपा व कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की।

शक्ति प्रदर्शन कर उठाई अपने हक के मुद्दे

देवासी समाज के महाकुंभ के जरिए समाज ने एकस्वर में अपने हक हासिल करने के लिए सरकार व विपक्ष के समक्ष अपनी प्रमुख मांगें भी रखी। इनमें मुख्य रूप से आरक्षण को लेकर विसंगतियों को दूर करके देवासी समाज को आरक्षण का उचित लाभ देने, देशभर में देवासी समाज के लाखों लोग है, लेकिन इनकी राजनीतिक भागीदारी वर्तमान में बहुत ही कम है। समाज के लोगों की संख्या के अनुपात में उचित भागीदारी दी जाए। इसी तरह, जिला व ब्लॉक स्तर पर देवासी समाज की शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करवाने की मांग उठी। वहीं, मूलरूप से पशुपालक देवासी, जो हरियाणा, गुजरात, मेवाड़, गोडवाड़ तक अपने मवेशियों को चराते हैं, उन्हें घुमंतू होने की वजह से आवासीय पट्‌टे नहीं मिल पाते हैं। वे भूमिहीन रहते हैं। इस स्थिति में उन्हें वापस अपने घर लौटने पर भी रहने की जगह नहीं मिल पाती है। ऐसे भूमिहीन देवासी समाज के लोगों को गांव में पट्‌टा दिया जाना चाहिए। साथ ही मवेशियों को चराने के लिए सरकार पट्‌टा आवंटित करे। इतना ही नहीं, देवासी समाज के बच्चों के लिए प्रदेश के सभी जिलों में आवासीय विद्यालय खोले जाएं, जिससे की परिवार का मुखिया भले ही मवेशियों की देखभाल में रहे, लेकिन उनके बच्चे पढ़लिखकर उन्नति कर सकें।

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