– पांचवे दिन भी लगी रही बारिश की झड़ी, तापमान में आई गिरावट, गर्मी से मिली राहत।
पुखराज माली धुंधाड़ा।
नारद लूणी। तीन माह पहले आए बिपर जॉय तूफान के दौरान जो चार दिनों तक बारिश हुई थी, उस बरसात से भी अधिक बारिश पिछले पांच दिनों से लगी बारिश की झड़ी के चलते हो गई हैं। हालांकि इस बरसात से मौसम खुशनुमा बन गया, जिससे गर्मी एवं उमस से राहत मिल गई। वहीं लगातार बारिश का दौर जारी रहने से खेत-खलियान लबालब होकर तालाब बन गए। जिससे खेतों में खड़ी एवं काटकर रखी गई खरीफ की रही-सही फसलें डूब गई। इसके साथ ही किसान वर्ग अंतिम आस भी टूट गई। करीब डेढ़ माह बाद पिछले सप्ताह सप्ताह गुरूवार को अचानक ही मौसम पलट गया।
लगभसग विदा हो चुके मानसुन ने फिर से एंट्री की। गुरूवार को शुरू हुआ बरसात का दौर कभी तेज तो कभी बूंदाबांदी के रूप में सोमवार को पांचे दिन भी झड़ी के रूप में जारी रहा। इस दौरान लगातार पांच दिनों से आसमान पर गहरे बादल छाए रहे, जिससे धूप निकले भी पांच दिन हो गए हैं। पिछले पांच दिनों से चली आ रही बारिश की झड़ी के चलते इतना पानी बरस गया कि जितना पानी बिपर जॉय तूफान में भी नहीं बरसा था।
खेत-खलियान लबालब, फसलें डूबने से खाली हाथ धरतीपुत्र:
पिछले पांच दिनों से लगी बारिश की झड़ी से खेतों में किसानों द्वारा काटकर रखी गई खरीफ की फसलें लाटों एवं खेतों में बारिश के अधिक पानी में डूब गई जिससे फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई। अब इन फसलों में बाजरा के सीट्टों में ही दानें वहीं पर उगने लगेंगे तो मूंग की फलियों में दाने अंकुरित होकर नष्ट हो जाएंगे। इसी प्रकार इन फसलों के लगातार पानी में डूबी रहने से इनमें दीमक लग जाएगा। जिससे पशुधन के लिए होने वाला चारा भी सड़ कर खराब हो जाएगा। इसके चलते किसान वर्ग अब अपने खेतों से खाली हाथ ही घर लौटने को मजबूर हो गए हैं।