– चौहाबो सेटेलाइट हॉस्पिटल के बाहर आमरण अनशन पर बैठे पार्षद पंवार की मांगे मानी, शेष मांगे 10 दिन में पूरी करने का मिला भरोसा
नारद जोधपुर। चौपासानी हाउसिंग बोर्ड सेटेलाइट अस्पताल मे पर्याप्त डॉक्टर कि कमी और साथ ही अन्य मेडिकल सुविधाओं के ना होने पर स्थानीय दक्षिण निगम वार्ड 18 पार्षद विक्रम सिह पंवार बुधवार सुबह से सेटेलाइट अस्पताल के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। सुबह से मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के फोन आए की आप अनशन पर मत बैठो, बातचीत कर सकते हैं लेकिन विक्रमसिंह जी पंवार अड़े रहे और कहा पहले हमारी मांगों के तहत लिखित में आप आदेश जारी करें। उनके साथ भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल, भाजपा जिला महामंत्री महेन्द्र मेघवाल, वरिष्ठ समाज सेवी कांतिलाल ठाकुर,वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र शर्मा, पूर्व न्यासी कमलेश पुरोहित,भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष जगत नारायण जोशी,चौपासानी मण्डल अध्यक्ष हेमंत जानयानी,पार्षद महेश परिहार, पार्षद अमर लाल वर्गी, पार्षद नरेन्द्र सिह भाटी, पार्षद नरेंद्र फ़ीतानी, 15 सेक्टर विकास समिति के अध्यक्ष कमलकिशोर जसमतिया, चौ हा बोर्ड जनसंघर्ष समिति से अनिल इन्दु शर्मा, भाजपा ओबीसी मोर्चा के पृथ्वी सिह सोलंकी, भाजपा वरिष्ठ नेता कमलेश श्रीपद ,भाजपा नेता धनराज डावना,भानु सत्यानी, सुमित पंवार,अनशन के दौरान उपस्थित रहे।
अनशन के दौरान दक्षिण महापौर वनिता सेठ, राजेंद्र पालीवाल, महेन्द्र मेघवाल, देवेंद्र शर्मा, अनिल इंदु शर्मा, कमल किशोर जसमतिया, मनीष बोहरा ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप सिंह कच्छवाह और अनशन कारियों के मध्य मांगो पर चर्चा कर सहमति बनवाई मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने तुरंत प्रभाव से 4 डॉक्टर नियमित और 2 विशेषज्ञ डॉक्टर सप्ताह मे शुक्रवार और शनिवार दो दिन सेटेलाइट अस्पताल में बैठने के आदेश जारी किये। अस्पताल मे एंबुलेंस कि जल्द ही व्यवस्था करने एवं अस्पताल में लाइट जाने पर जनरेटर की व्यवस्था करने की मांगे मान ली गई।
विक्रमसिंह ने बताया बाकी की मांगे 10 दिन मे नहीं माने जाने पर भारतीय जनता पार्टी संगठन, जनसेवकों व जनता के साथ सेटेलाइट अस्पताल के बाहर पुनः धरना दिया जाएगा। इस अल्टीमेटम के साथ आमरण अनशन को मेडिकल कॉलेज के डिप्टी प्रिंसिपल व सेटेलाइट अस्पताल अधीक्षक नरसिंह जी माथुर ने नारियल पानी पिला कर अनशन को समाप्त करवाया। विक्रमसिंह जी पंवार और साथीगण शुरू से ही एवम सेटेलाइट अस्पताल बनने के बाद से असुविधाओं के समाधान के लिए निरन्तर 4 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।