जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर जिले के फलोदी नगर पालिका की एक सफाईकर्मी युवती को उसकी मां, भाइयों व भाभी के परेशान करने, मारपीट कर वेतन छीन लेने के मामले में पुलिस सुरक्षा प्रदान की है। हाईकोर्ट ने युवती की याचिका निस्तारित करते हुए उसे आदेश दिया कि वह पंद्रह दिन में पुलिस अधीक्षक के समक्ष परिवाद पेश करे। वहीं पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया गया है कि वे अगले चार सप्ताह में इस युवती को नियमानुसार सुरक्षा प्रदान करें।
फलोदी नगर पालिका में कार्यरत 27 वर्षीय मोनिका ने अपने वकील निखिल भंडारी के माध्यम से एक याचिका दायर कर बताया कि उसकी शादी नहीं हुई है और वह अपने पीहर में मां, भाइयों व भाभी के साथ रहती है। उसके परिजन हर माह मिलने वाला उसका पूरे वेतन छीन लेते है। उसे वापस पैसे नहीं देते है। मांग करने पर मारपीट की जाती है। सभी परिजन उसकी नौकरी करने के विरोध में है। ऐसे में वे उसके साथ शारीरिक व मानसिक क्रूरता करते है। इससे उसका जीवन खतरे में पड़ गया है।
न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग के समक्ष एडवोकेट भंडारी ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में सभी नागरिकों को जीवन जीने तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मूलभूत अधिकार प्राप्त हैं और किसी के द्वारा भी इसका उल्लंघन व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन हैं। इसलिए मोनिका को उसके पीहर वालों के क्रूरतापूर्ण व्यवहार से पुलिस सुरक्षा दी जाए। जोधपुर पुलिस अधीक्षक, फलोदी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा फलोदी पुलिस थाने के थानाधिकारी को यह आदेश दिया जावे कि वे मोनिका को उसकी माँ, 4 भाइयों व भाभी के क्रूरतापूर्ण व्यवहार से पुलिस सुरक्षा प्रदान करावे।
न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने प्रार्थिया मोनिका को आदेश दिया कि वह पहले पुलिस अधीक्षक के समक्ष परिवाद पेश करें। साथ ही जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया गया कि वे परिवाद मिलने के चार सप्ताह के भीतर मामले की जांच कर नियमानुसार मोनिका को सुरक्षा प्रदान कराए।

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