नारद जोधपुर। आज राजस्थान की राजनीति में एक डायरी का लाल रंग कुछ ज्यादा ही सुर्ख हो उठा। मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के हाथ में थामी डायरी में छिपे राज जानने को हर कोई उत्सुक नजर आया। डायरी के घटनाक्रम ने विपक्षी भाजपा में नई ऊर्जा का संचार कर दिया और वह सत्ता पक्ष पर पूरी तरह से हमलावर हो उठी। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस फिलहाल पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है।
आखिर क्या है डायरी के राज
राजेंद्र गुढ़ा का दावा है कि उनके पास मौजूद लाल डायरी में कई ऐसे राज लिखे हुए हैं जिससे गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा सकते है। इसके अंदर कई ऐसे कारनामे दर्ज हैं जो गहलोत सरकार के लिए गले की फांस साबित हो सकते है। उन्होंने कहा कि इस हिस्से में गहलोत सरकार के सारे काले कारनामे हैं, जो आपने विधायकों को क्या दिया, राज्यसभा चुनाव में आपने उन विधायकों को क्या दिया, किस-किस को प्रलोभन दिया, क्रिकेट के चुनाव में आपने किस-किसको पैसे दिए, उसका खुलासा मैं आगे भी करूंगा।
बीजेपी ने भी बोला हमला
अब इस लाल डायरी को लेकर बीजेपी भी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछना चाहता हूं कि यह ‘लाल डायरी’ क्या है? इसे लेकर सरकार में बेचैनी और घबराहट क्यों है? उन्होंने कहा कि इस लाल डायरी का रहस्य पूरा राजस्थान जानना चाहता है।
कौन है राजेन्द्र गुढ़ा
राजेन्द्र सिंह गुढ़ा उदयपुरवाटी से दो बार विधायक चुने जा चुके है। जबकि एक बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हार का सामना करना पड़ा। गैर राजनीतिक परिवार से तालुक रखने वाले राजेन्द्र सिंह 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद क्षेत्रीय राजनीति में कूद पड़े। उनके भाई रणवीरसिंह गुढ़ा ने वर्ष 2003 में चुनाव लड़ा और विजयी रहे। साल 2008 राजस्थान विधानसभा चुनाव में राजेन्द्र सिंह गुढ़ा बसपा की टिकट से चुनावी मैदान में उतरे और लगभग 8 हजार वोटों से जीत दर्ज की। वर्ष 2013 के चुनाव में गुढ़ा को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन एक बार फिर वर्ष 2018 में गुढ़ा ने बसपा प्रत्याशी के रूप में उदयपुरवाटी से जीत हासिल की। बाद में अल्पमत गहलोत सरकार को बचाने के लिए उन्हें मंत्री बनाया गया।
इस कारण किया गया बर्खास्त
विधानसभा में बहस के दौरान अपनी ही सरकार पर महिला सुरक्षा में फेल होने का आरोप लगाया था। गुढ़ा ने कहा था कि राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गए हैं। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, ऐसे में हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। इसके बाद शाम को मुख्यमंत्री गहलोत ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।