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दिव्या के खिलाफ हनुमान उतारेंगे आरएलपी प्रत्याशी, ओसियां में देखने को मिलेगा बेहद जोरदार मुकाबला

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जोधपुर. मारवाड़ में जाट (Jat) राजनीति का चौधरी बनने की होड़ में आरएलपी (RLP) नेता हनुमान बेनीवाल (Beniwal) और कांग्रेस विधायक दिव्या (Divya) मदेरणा के बीच एक-दूसरे पर छोड़े शब्दबाणों से बढ़ी तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही है। चौधराहट कायम करने की होड़ में दोनों शुरू हुई छींटाकसी थमने का नाम नहीं ले रही है। आज दिव्या के विधानसभा क्षेत्र ओसियां (Osian) में एक रक्तदान शिविर में बेनीवाल ने घोषणा कर दी कि आरएलपी ओसियां से चुनाव लड़ेगी। उनकी इस घोषणा से यह तय हो गया कि ओसियां में आगामी चुनाव बेहद चर्चित रहेगा। गत चुनाव में आरएलपी ने ओसियां से अपना प्रत्याशी नहीं उतार अंदरखाने दिव्या की मदद की थी। लेकिन साढ़े चार साल में अब दोनों के बीच समीकरण पूरी तरह से बदल गए है।

लंबे अरसे से कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार बेनीवाल ओसियां में अपना प्रत्याशी उतारेंगे या नहीं। बेनीवाल की इस घोषणा से स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो गई है। ओसियां विधानसभा क्षेत्र की राजनीति अन्य विधानसभा क्षेत्र की अपेक्षा थोड़ी जटिल है। गत परिसीमन के बाद यहां से कांग्रेस (Congress) व भाजपा (BJP) जाट प्रत्याशी ही उतारते रहे है। वहीं राजपूत प्रत्याशी निर्दलीय खड़े होकर हर बार काफी वोट बटोरते रहे है। वहीं यहां कुछ अन्य जातियों का भी अच्छा प्रभाव है और वे हार-जीत में निर्णायक भूमिका अदा करते रहे है।
दिव्या ने की थी शुरुआत
नागौर में जाट राजनीति के केंद्र रहे मिर्धा परिवार की राजनीति के समानांतर अब हनुमान बेनीवाल अपना कद काफी बढ़ा चुके है। बेनीवाल के लगातार बढ़ते कद के साथ ही मिर्धा परिवार की नागौर में राजनीतिक पकड़ साल दर साल कमजोर पड़ती गई। इसका सबसे अधिक खामियाजा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे रामनिवास मिर्धा के बेटे और दिव्या के दादा परसराम मदेरणा के दामाद हरेन्द्र मिर्धा को उठाना पड़ा। यहीं से बेनीवाल और मदेरणा परिवार के बीच टसल बढ़ गई। इसके बावजूद बेनीवाल ने दिव्या के खिलाफ आरएलपी प्रत्याशी को नहीं उतार अपरोक्ष रूप से मदद की। लेकिन पंचायत चुनाव में आरएलपी ने दिव्या के घर में सेंध लगा दी। इससे खफा हो दिव्या ने बेनीवाल के गृह क्षेत्र खींवसर के पांचला सिद्धा में बेनीवाल के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए मोर्चा खोल दिया। यहीं से दोनों नेताओं के बीच एक-दूसरे के खिलाफ बयान देने की होड़ मच गई।

यह कहा था दिव्या ने
आरएलपी (RLP) के चुनाव चिह्न बोतल को लेकर कहा था कि परसराम मदेरणा कहते थे कि वोट सही जगह पर देना और निशाने पर देना। नहीं तो कुएं में डाल देना। अगर कोई बोतल लेकर नाचता है तो उसे समझा देना कि 90 फीट गहरा कुआं है, मिलेगा ही नहीं। बोतल को कुएं में डाल दो। साथ ही दिव्या ने कहा कि उनके परिवार का खींवसर से पुराना नाता रहा है। वह यहां का राजनीतिक तापमान मापने के लिए आई है।
ऐसे दिया हनुमान ने जवाब
इसके बाद नागौर सांसद बेनीवाल भी पीछे नहीं रहे थे। एक सभा में उन्होंने भी दिव्या मदेरणा के तंज पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा था कि वो बोल रहे हैं कि बोतल को गहरे कुएं में डाल दो। यह बोतल भंवरी थोड़ी है जो कुएं में डाल दोगे। ये बोतल ही थी जिसकी वजह से आप विधानसभा में चले गए(उनका इशारा गत चुनाव में आरएलपी प्रत्याशी नहीं उतारने को लेकर था)। बोतल नहीं होती तो आता-पता ही नहीं लगता। वो मैं ही था जो आपके पापों पर पर्दा डाल रहा था।
जब बेनीवाल के बयान से चढ़ गया दिव्या समर्थकों का पारा
इसके बाद एक सभा में बेनीवाल ने दिव्या को नसीहत दे डाली कि उनकी उम्र निकली जा रही है ऐसे में उन्हें शादी कर लेनी चाहिये। इस बयान से दिव्या के समर्थक नाराज हो गए और उन्होंने हनुमान बेनीवाल के पुतले भी फूंके। बाद में बेनीवाल ने इस बयान को लेकर सफाई भी दी।

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