- नाजिम अली खान के प्रयासों से फांसी के तख्ते तक पहुंचा गंभीर अपराधों का आरोपी
जोधपुर। धौलपुर की एससी एसटी कोर्ट ने 15 साल पुराने चार नरेगा मजदूरों की हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है और फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी पर दस लाख रुपयो का जुर्माना भी लगाया है। घटना अनुसार धौलपुर में 2008 में बाड़ी सदर थाना क्षेत्र में घोंघा का पुरा गांव में दिनदहाड़े हथियारों से लैस होकर आए एक दर्जन हमलावरों ने चार नरेगा मजदूरों की हत्या कर दी थी। तब यह मामला राज्य भर में बेहद चर्चित रहा था। इस मामले का जोधपुर कनेक्शन यह है कि पूरे घटनाक्रम की जांच वर्तमान में जोधपुर में एडीसीपी के पद पर कार्यरत आरपीएस नाजिम अली खान ने की थी।

‘यदि न्याय करना चाहे तो अनुसंधान अधिकारी ही सबसे बड़ा न्यायाधीश है।’ इसी वाक्य को शत प्रतिशत सच साबित किया है वर्तमान में जोधपुर में एडीसीपी के पद पर कार्यरत सीनियर आरपीएस नाजिम अली खान ने। खान जब जयपुर में सीआईडी सीबी में पदस्थापित थे तब उन्हें इस दुर्लभतम, चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण मामले का अनुसंधान दिया गया। जयपुर में सीआईडी सीबी में रहते हुए उन्होंने पूरे मामले का गहनता से अनुसंधान किया था। तेजतर्रार, संवेदनशील और बेहद शानदार अनुसंधान अधिकार नाजिम अली ने इस मामले का बैहद गहनता व गंभीरता से अनुसंधान करते हुए बेहद महत्वपूर्ण सबूत जुटाए और पूरे घटनाक्रम का अनुसंधान किया। उसी का परिणाम है कि आज आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।
आमतौर पर इस तरह के गंभीर मामलों में आरोपियों की ऊंची पहुंच होती है वो प्रलोभन या प्रेशर से मामले को प्रभावित कर देते है, ऐसे में चालान तो पेश हो जाता है लेकिन आरोपियों को सजा नहीं मिल पाती है। बेहद ईमानदार और दबंग पुलिस अधिकारी नाजिम अली खान के लिए यह राह आसान नहीं थी लेकिन ना वह किसी के आगे झुके न प्रभावित हुए और अपने पुलिस धर्म का पालन करते रहे। उन्होंने महत्वपूर्ण सबूत जुटाते हुए गंभीरता और गहनता से अनुसंधान करके चालान पेश करवाया। इसी की परिणति है कि आज आरोपियों को सख्त सजा मिल रही है। यह मामला नजीर बन गया है उन लोगों के लिए जो बुलेट के कदम पर अपना शासन स्थापित करना चाहते हैं। इस फैसले से यह संदेश भी मिला कि आदमी चाहे कितना भी बड़ा हो वह कानून से बड़ा नहीं हो सकता और कानून सबके लिए समान है।
यह भी था महत्वपूर्ण मामला
बीकानेर में 19 आरोपियों को करवाई थी आजीवन कारावास
साथ ही विदित रहे कि नाज़िम अली ने पुलिस उप अधीक्षक सीआईडी, क्राइम मुख्यालय रहते हुए ही इसी समय ग्राम रिड़ी, पुलिस थाना डूंगरगढ़, जिला बीकानेर रहते हुए एक अन्य निर्मम हत्याकांड मे जिसमें सरपंच सहित तीन लोगों कि निर्मम हत्या ग्राम के चौपाल पर भरी दुपहरी मे कर दी गई थी। इस मुकदमे का त्वरित अनुसंधान समाननंतर करते हुए 20 व्यक्तियों के खिलाफ कोर्ट मे 302 ,120 बी आईपीसी मे चालान पेश किया । जिसमें हाल ही मे ट्रायल कोर्ट बीकानेर ने 19 आरोपियों को आजीवन कारावास कि सजा से दण्डित किया हैं और एक नाबालिग आरोपी की ट्रायल किशोर न्यायलय, बीकानेर मे विचाराधीन हैं । जिसमें अभी नाज़िम अपनी शहादत देकर आये हैं।