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कुचामन के रसाल गांव में संत मोहनदास की हत्या, हाथ-पैर व मुंह बंधा मिला

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– रविवार रात की घटना, ग्रामीणों में आक्रोश, परिजनों ने किया शव लेने से इनकार

नारद नागौर। कुचामन जिले के रसाल गांव में स्थित हरिराम बाबा बगेची के संत मोहनदास महाराज की रविवार देर रात अज्ञात बदमाशों ने धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी। सोमवार सुबह जब कुछ लोग आश्रम पहुंचे, तो वारदात का पता चला। संत के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे। संत मोहनदास पिछले 14 साल से यहीं रहकर सेवा कर रहे थे।

वारदात की सूचना पर यहां पहुंची पुलिस को महाराज के परिवार व अन्य लोगों से पता चला कि रविवार रात करीब 8 बजे तक वे ग्रामीणों के साथ चर्चा कर रहे थे और इसके बाद वे सोने के लिए अपने कमरे में चले गए। सोमवार सुबह करीब 8 बजे जब लोग हरिराम बाबा की बगेची पहुंचे, तो उन्हें महाराज कहीं नजर नहीं आए। इस पर उन्होंने महाराज को आवाज भी दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

ढूंढने पर मंदिर के पीछे बरामदे में मिला शव

महाराज के नहीं मिलने पर श्रद्धालु ने उन्हें यहां-वहां ढूंढने की कोशिश की, तो मंदिर के पीछे बने बरामदे में महाराज का शव बिस्तर के पास पड़ा मिला। उनके हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे, जबकि मुंह व आंखों पर कपड़े की पट्‌टी बंधी थी। शव के आसपास खून फैला हुआ था। यह दृश्य देख श्रद्धालु ने गांव वालों को इसकी सूचना दी और कुछ ही देर में यहां लोगों की भीड़ लग गई। तत्पश्चात यहां पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना कर शव स्थानीय हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया।

आक्रोशित लोगों की मांग, आरोपियों की गिरफ्तारी तक नहीं उठाएंगे शव

बुजुर्ग संत की जघन्य हत्या से लोगों में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में लोग मोर्चरी के बाहर एकत्र हो गए। यहां पुलिस को त्रिलोकराम ने संत मोहनदास की हत्या की रिपोर्ट दी, लेकिन शव उठाने से इनकार कर दिया। परिजनों व ग्रामीणों की मांग है कि जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक शव नहीं उठाएंगे। उधर, पुलिस ने इस वारदात का खुलासा करने के लिए विशेष टीमें गठित की है, जो इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने के प्रयास में जुटी है।

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