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टीचर्स की लापरवाही से 6 बच्चियों सहित 7 स्टूडेंट्स पूरक परीक्षा से रह गए वंचित

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नारद शेरगढ़। एक और सरकार नामांकन बढ़ाने व तरह-तरह के आयोजन करके शिक्षा के अधिकार को जन जन तक पहुंचने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है। वही सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक इतने लापरवाह है कि नियमित विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा की सूचना तक नहीं देते। जिसके चलते गुरुवार और शुक्रवार को छह छात्राओं सहित एक छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गया। परीक्षा में शामिल न होने के कारण बालिकाओं के आंसू नहीं रूक रहे हैं वही अभिभावक भी परेशान है। प्राप्त जानकारी के अनुसार निकटवर्ती ग्राम पंचायत हिम्मतपुरा मुख्यालय पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित है जहां पर कक्षा 10 में पढ़ने वाले छह छात्राएं व एक छात्र को दसवीं की बोर्ड परीक्षा में पूरक सप्लीमेंट्री आ गई थी। सप्लीमेंट्री की परीक्षा राजस्थान शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा 3 अगस्त को सवेरे 8:30 बजे से 11:45 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था। हिम्मतपुरा में अध्ययनरत विद्यार्थियों का परीक्षा केंद्र राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बालेसर में आया हुआ था। बालिकाओं ने बताया कि उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से संपर्क किया और परीक्षा के बारे में पूछा मगर कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया वहीं गुरुवार को 8:30 बजे शिक्षक ने फोन करके परीक्षार्थियों को बताया कि तुम्हारी परीक्षा आज शुरू हो गई है । विद्यार्थी हड़बड़ाहट में स्कूल आए तो बताया कि परीक्षा तो शुरू हो गई अब वहां तक कैसे पहुंचेंगे । इस प्रकार विद्यार्थियों विशेषकर बालिकाओं के भविष्य के साथ जिम्मेदारों द्वारा खिलवाड़ किया गया। जबकि बालिका शिक्षा के लिए सरकार व विभाग एक मिशन की तरह कार्य कर रहा है।
यह थे विद्यार्थी तीजो पुत्री गणपतराम के अंग्रेजी में, निरमा कंवर पुत्री खुशाल सिंह के अंग्रेजी में,
कोयल पुत्री मगनाराम के अंग्रेजी व विज्ञान में,
लाली पुत्री लादू खान के अंग्रेजी व विज्ञान में,
इंद्रा पुत्री पुनाराम के अंग्रेजी में,
ममता पुत्री जसाराम के अंग्रेजी में तथा शंभू सिंह पुत्र नखत सिंह के अंग्रेजी में पूरक आया था। अंग्रेजी की पूरक परीक्षा गुरुवार को तथा विज्ञान की शुक्रवार की बोर्ड द्धारा आयोजित हुई मगर विद्यार्थियों को जिम्मेदारों की तरफ से ना तो प्रवेश पत्र दिया गया और ना ही परीक्षा के बारे में बताया गया जिसके चलते विद्यार्थियों का भविष्य पर तलवार लटक गई ।
जिम्मेदारी किसकी स्कूल में कार्यवाहक प्रधानाचार्य निंबाराम है वही परीक्षा का प्रभार अध्यापक लूणाराम को सौपा गया है मगर किसी भी कार्यरत अध्यापक ने विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा की सूचना नहीं दी जिसके चलते दूरदराज की ढाणियों के विद्यार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए । प्राय देखा जाता है कि अध्यापक अपनी नैतिक जिम्मेदारी के चलते परीक्षा से करीब 3-4 दिन पूर्व ऑनलाइन प्रवेश पत्र को डाउनलोड करके बच्चों को बुलाकर देने की व्यवस्था करते हैं वहीं अगर परीक्षा केंद्र कहीं अन्यत्र स्थान पर आया हुआ होता है तो ट्रांसपोर्टेशन के तहत उनको छोड़ने की भी व्यवस्था का प्रावधान विभाग द्वारा किया गया है मगर इस मामले में तो किसी ने कोई अपनी जिम्मेवारी निभाई ही नहीं।
इनका कहना है खंड ब्लॉक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र सिंह शेखावत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हिम्मतपुरा पहुंचे तथा पुरी मामले की जानकारी लेते हुए कारण बताओं नोटिस दिया वही शेखावत ने बताया कि उच्चधिकारियों को लापरवाही के बारे में कार्रवाई हेतु रिपोर्ट की जाएगी।
बाल संरक्षण आयोग द्वारा शेरगढ़ में 23 अगस्त को बाल संरक्षण आयोग की बेंच लगना प्रस्तावित है मगर उससे पूर्व इस प्रकार की घोर लापरवाही विभाग के लिए एक प्रश्न चिन्ह है। शिक्षा के अधिकार के तहत विशेष कर छात्राओं को वंचित रखना बड़ी चूक मानी जा रही है।
ग्रामीणों में रोष ज्यों ही ग्रामीणों को मामले की जानकारी हुई तो शुक्रवार को पंचायत भवन में ग्रामीण इकट्ठा हुए तथा शिक्षकों द्वारा बरती गई लापरावाही का विरोध किया ।vग्रामीण खुशाल सिंह ने मांग की की शिक्षकों की गलती के कारण हमारे बच्चे परीक्षा नहीं दे पाए बोर्ड को कुछ व्यवस्था करके बच्चों को परीक्षा में सम्मिलित करें ताकि इनका भविष्य खराब ना हो अन्यथा हताश हुए बच्चे स्कूल छोड़ सकते हैं।

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